एक दिसम्बर को मतगणना
ताजनगरी में पहले चरण के लिए 22 नवंबर को मतदान हुआ था, एक दिसंबर को मतणना है। मतगणना में सुबह नौ बजे से नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। इस बार सौ वार्डों के लिए पार्षद और मेयर निकाय चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। ऐसे में सटटा बाजार में भावों में उतार चढ़ाव आ रहा है।
ताजनगरी में पहले चरण के लिए 22 नवंबर को मतदान हुआ था, एक दिसंबर को मतणना है। मतगणना में सुबह नौ बजे से नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। इस बार सौ वार्डों के लिए पार्षद और मेयर निकाय चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। ऐसे में सटटा बाजार में भावों में उतार चढ़ाव आ रहा है।
भाजपा प्रत्याशी का गिरा भाव
नगर निकाय चुनाव में भाजपा का सिक्का रहा है। सट्टा बाजार में पहले दिन से भाजपा प्रत्याशी नवीन जैन की जीत को आंका जा रहा है। जीत के चलते नवीन जैन पर भाव गिरा हुआ है। नवीन जैन पर 28 पैसे का भाव चल रहा है। गौरतलब है कि केंद्र के बाद प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और निगम चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।
ऐसे में सटटा के भाव का चर्चाओं से आंकलन करने वाले सटटा बाजार में भाजपा पर भी सटटा खेल रहे हैं। किसी के लिए भी आसान है कि आगरा में भाजपा से मेयर प्रत्याशी नवीन जैन जीत दर्ज करेंगे। इसलिए उन पर लगाया गया भाव सबसे कम है।
मतदान हुआ है अधिक
बीते हुए नगर निगम चुनाव में 2012 में 36. 23 प्रतिशत मत पड़े थे। वहीं इस बार ये आंकड़ा कुछ अधिक रहा है। इस बार 39 .76 प्रतिशत मतदान हुआ है। 5,03978 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि साल 2012 के चुनाव में करीब चार लाख वोट पड़े थे। इसमें से मेयर पद पर भाजपा के प्रत्याशी को 1,35647 वोट मिले थे और उसने बसपा प्रत्याशी 1,23213 को। हार का अंतर महज 12 हजार था। इस बार करीब एक लाख वोट अधिक पडे हैं, यह वोट भाजपा को फायदा दे सकते हैं। वहीं सटोरियों का एक ग्रुप बसपा को बढ़त दे रहा है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि आगरा की मेयर की सीट आरक्षित थी, इस सीट पर चारों प्रमुख दलों से आरक्षित श्रेणी के प्रत्याशी चुनाव लड़ते थे। इन्हें बसपा का भी वोट मिलता था। इस बार मेयर सीट सामान्य है, इस सीट पर बसपा से दिगंबर सिंह धाकरे ने चुनाव लड़ा था, बसपा को हर बूथ से वोट मिलता है। इस बार सामान्य सीट होने से बसपा को क्षत्रिय वोट मिलने का अंदेशा है। चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाले मुस्लिम वोट में भी बसपा की भागेदारी अच्छी मानी जा रही है। इससे बसपा प्रत्याशी को भाजपा की टक्कर माना जा रहा है, कुछ लोग बसपा को आगे बता रहे हैं।
कांग्रेस का भाव बेजार
पिछले चुनाव में सपा तीसरे नंबर पर थी और सपा प्रत्याशी को 84,655 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस के विनोद बंसल से ज्यादा उम्मीद नहीं है, पिछले चुनाव में कांग्रेस को 29,116 वोट पड़े थे। इसबार भी कांग्रेस से कुछ अधिक उम्मीदें व्यक्त नहीं की गई हैं।
नगर निकाय चुनाव में भाजपा का सिक्का रहा है। सट्टा बाजार में पहले दिन से भाजपा प्रत्याशी नवीन जैन की जीत को आंका जा रहा है। जीत के चलते नवीन जैन पर भाव गिरा हुआ है। नवीन जैन पर 28 पैसे का भाव चल रहा है। गौरतलब है कि केंद्र के बाद प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और निगम चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।
ऐसे में सटटा के भाव का चर्चाओं से आंकलन करने वाले सटटा बाजार में भाजपा पर भी सटटा खेल रहे हैं। किसी के लिए भी आसान है कि आगरा में भाजपा से मेयर प्रत्याशी नवीन जैन जीत दर्ज करेंगे। इसलिए उन पर लगाया गया भाव सबसे कम है।
मतदान हुआ है अधिक
बीते हुए नगर निगम चुनाव में 2012 में 36. 23 प्रतिशत मत पड़े थे। वहीं इस बार ये आंकड़ा कुछ अधिक रहा है। इस बार 39 .76 प्रतिशत मतदान हुआ है। 5,03978 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि साल 2012 के चुनाव में करीब चार लाख वोट पड़े थे। इसमें से मेयर पद पर भाजपा के प्रत्याशी को 1,35647 वोट मिले थे और उसने बसपा प्रत्याशी 1,23213 को। हार का अंतर महज 12 हजार था। इस बार करीब एक लाख वोट अधिक पडे हैं, यह वोट भाजपा को फायदा दे सकते हैं। वहीं सटोरियों का एक ग्रुप बसपा को बढ़त दे रहा है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि आगरा की मेयर की सीट आरक्षित थी, इस सीट पर चारों प्रमुख दलों से आरक्षित श्रेणी के प्रत्याशी चुनाव लड़ते थे। इन्हें बसपा का भी वोट मिलता था। इस बार मेयर सीट सामान्य है, इस सीट पर बसपा से दिगंबर सिंह धाकरे ने चुनाव लड़ा था, बसपा को हर बूथ से वोट मिलता है। इस बार सामान्य सीट होने से बसपा को क्षत्रिय वोट मिलने का अंदेशा है। चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाले मुस्लिम वोट में भी बसपा की भागेदारी अच्छी मानी जा रही है। इससे बसपा प्रत्याशी को भाजपा की टक्कर माना जा रहा है, कुछ लोग बसपा को आगे बता रहे हैं।
कांग्रेस का भाव बेजार
पिछले चुनाव में सपा तीसरे नंबर पर थी और सपा प्रत्याशी को 84,655 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस के विनोद बंसल से ज्यादा उम्मीद नहीं है, पिछले चुनाव में कांग्रेस को 29,116 वोट पड़े थे। इसबार भी कांग्रेस से कुछ अधिक उम्मीदें व्यक्त नहीं की गई हैं।