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रामचरितमानस से सीखें पर्यावरण संरक्षित करने के वैज्ञानिक उपाय

locationआगराPublished: Nov 30, 2018 11:08:16 am

एसएन मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों को दी गई सीख

रामचरितमानस

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आगरा। जगदीश चन्द बसु की जयन्ती की पूर्व संध्या पर महर्षि शल्य मिलन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में पर्यावरण पर संगोष्ठी का हुई। इसमें ‘प्रगति के साथ-प्रकृति की बात’ विषयक संगोष्ठी में मुख्यवक्ता और प्रसिद्ध कथावाचक अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए रामचरितमानस से सीखना चाहिए। रामचरितमानस में पर्यावऱण प्रबंधन व संरक्षण करने के उपाय वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सिद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि रामराज का तात्पर्य मात्र सत्ता से नहीं था, अपितु जनमानस को प्रकृति के सद्पयोग व प्रकृति के संसाधनों का दोहन करना व प्रकृति दूषित न होना था। रामजी का चरित्र एवं श्रीरामचरितमानस साक्षात जीवन शैली है। साथ ही जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने प्रकृति को वेदों के माध्यम से भी संरक्षित रखने के सुगम व सरल तथा नियमित दिनचार्य में प्रयोग करने हेतु आवश्यक तरीके बतायें। प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करना, जल का जितना आवश्यक हो, उतना उपयोग करना। ऐसा अपशिष्ट न जलाएं जिससे मीथेन गैस अधिक मात्रा में निकलती हो। प्लास्टिक के प्रयोग नहीं करना, कागज का प्रयोग कम करना। प्रकृति के साथ व्यक्तिगत संबध जोड़ना। पेड़-पोधों को परिवार के सदस्य की तरह समझना एवं लालन-पालन भी उसी प्रकार करना। रामचरितमानस में जिस प्रकार प्रकृति के साथ व्यवहार एवं प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग करने के बारे में वर्णन किया गया है, को अपने जीवन में उतारना एवं नियमित श्रीरामजी का ध्यान तथा श्रीरामचरित मानस का पाठ करना।
आगरा शहर प्रदूषित
मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. पी.के माहेश्वरी ने कहा आगरा शहर प्रदूषित है। हमें स्वयं ही संरक्षण करना चाहिए। यह कोई नियम बनाने या सरकारी तंत्र से नहीं होगा। सभी की सहभागिता से ही हो सकता है। आईटी विशेषज्ञ गौरव वार्ष्णेय ने प्रश्नोत्तरी डिजिटल माध्यम से कराई। पर्यावरण संरक्षण पर पोस्टर, स्लोगन, प्रतियोगिया का आयोजित की गयी। पोस्टर में प्रथम स्थान अनु यादव, द्वितीय स्थान अनामिका, तृतीय स्थान शुभम श्रीवास्तव को मिला।

ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में आरएसएस के विभाग प्रचारक धर्मेन्द्र, सह विभाग प्रचारक गोविन्द, , डॉ. शैफाली, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. प्रशान्त , डॉ. योगेश गोयल, डॉ. वन्सुधरा, डॉ. विकास, डॉ. रजनी, डॉ. आरती, डॉ. रोहित, धर्म जागरण के क्षेत्र प्रमुख ईश्वर दयाल आदि उपस्थित रहे।
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