आगरा

आगरा के इतिहास में साल का सबसे बड़ा रक्तदान, एक दिन में 440 यूनिट Blood Donate

-अप्सा’ की अनूठी पहल में 28 स्कूलों के शिक्षकों ने किया रक्तदान
-1200 लोग लाइन में थे, हीमोग्लोबिन की कमी के कारण रक्त न दे सके
-रक्तदान फायदेमंद, 24 से 48 घंटे के अंदर पुनः रक्त बन जाता है

आगराDec 30, 2019 / 10:36 am

suchita mishra

Blood donatiom

आगरा। ‘अप्सा’ (एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा) का उद्देश्य केवल छात्रों का सर्वांगींण विकास करना ही नहीं है अपितु इसके साथ-साथ ही अप्सा अन्य विविध सामाजिक एवं राष्ट्रीय स्तर के अपने दायित्वों के प्रति कृतसंकल्प है। इसी पावन उद्देश्य में रत अप्सा के द्वारा ‘दान फाउंडेशन एवं लोकहितम्-समर्पण-एस. एन. हॉस्पिटल ब्लड बैंक’ के सौजन्य से 29 दिसम्बर, 2019 को अग्रवाल सेवा सदन, लोहामंडी, आगरा में अप्सा मेगा ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन किया गया। साल का सबसे बड़ा रक्तदान महाशिविर रहा। 1200 लोग रक्तदान करने आए। 440 यूनिट रक्त लिया जा सका।
हीमोग्लोबिन कम था, रक्तदान कर सकीं महिलाएं

अप्सा द्वारा इस मेगा शिविर के माध्यम से 1000 ब्लड यूनिट एक स्थल से एक दिन में एक संस्था द्वारा एकत्र किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। रक्तदान शिविर में 1200 लोगों की उपस्थिति रही ,जिसमें रक्तदान के लिए की गई आवश्यक जांच परीक्षण में महिलाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम पाई गई, जिसके कारण चाहते हुए भी वे रक्तदान नहीं कर सकीं। एस एन मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक द्वारा 67 यूनिट, डिस्ट्रिक्ट ब्लड बैंक के द्वारा 21 यूनिट, लोक हितम के द्वारा 213 यूनिट, समर्पण ब्लड बैंक के द्वारा 139 यूनिट ब्लड एकत्र किया गया। इस प्रकार कुल 28 विद्यालयों के शिक्षकों तथा कर्मचारियों द्वारा 440 यूनिट रक्तदान किया गया।
रक्तदान के फायदे

इस शिविर की प्रमुख बात रही कि शिक्षा जगत से जुड़े हुए शिक्षक वृंद ने रक्तदान करने की पहल करके जन-जन के सामने आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने लोगों की भ्रान्तियों को दूर किया। अधिकतर लोगों में भ्रम रहता है। वे रक्तदान के लिए आगे नहीं आते हैं। जबकि रक्तदान करना फायदेमंद होता है। रक्तदान के 24 से 48 घंटे के अंदर पुनः रक्त बन जाता है। रक्त का गाढ़ापन होने की आशंका कम हो जाती है। मानसिक संतुष्टि होती है क्योंकि एक यूनिट रक्त से तीन व्यक्तियों का जीवन बचाया जा सकता है। रक्त की एक-एक बूँद दूसरे के जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। रक्तदान से कोई बीमारी नहीं होती, रक्तदान के समय नई विसंक्रमित सुई का उपयोग किया जाता है। शरीर की रुटीन जांच के साथ इनवेस्टीगेशन एग्जामिनेशन भी हो जाता है। रक्तदान करने वालों में आयरन का ओवरलोड नहीं होता है। रक्तदान करने के लिए हमेशा तत्पर रहकर समाजसेवा में अपना योगदान देना चाहिए।
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ये रहे उपस्थित

रक्तदान शिविर में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री चौधरी उदयभान सिंह शहर के सांसद प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, विधायक महेश गोयल, श्रीमती अर्चना कुमार पत्नी कमिश्नर एवं श्रीमती कंचन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही l इस अवसर पर अप्सा के पदाधिकारीगण डॉ. सुशील गुप्ता, डॉ. गिरधर शर्मा, डॉ. जी. एस. राणा, प्रद्युमन चतुर्वेदी, त्रिलोक सिंह राणा, दीपिका त्यागी, मनीष गुप्ता, एम. सी. शर्मा, योगेश उपाध्याय, सतीश चंद्र गुप्ता, एस. के. सिंह, रुबीना खानम, श्याम बंसल, रंजीता रानी, रवि नारंग, अजीत सिंह मलान, अनिल राना, चार्ल्स क्लरेंस, शैलेन्द्र तिवारी, ललित चौबसया, राजेश शर्मा, राजन गोयल, अनिकेत शर्मा उपस्थित रहे।
blood donation
रक्तदान करने वाले विद्यालय

रक्तदान करने वाले विद्यालयों में प्रील्यूड पब्लिक स्कूल (68) प्रथम स्थान पर रहा l

1. गायत्री पब्लिक स्कूल

2. प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल

3. ऑल सेंट्स स्कूल
4. आगरा पब्लिक स्कूल

5. माउंट लिट्रा जी स्कूल

6. डॉ एम. पी. एस वर्ल्ड स्कूल

7. कर्नल ब्राइटलैण्ड स्कूल

8. सेंट एण्ड्रयूज स्कूल

9. सेंट सीएफ एण्ड्रयूज स्कूल
10. सुमित राहुल गोयल स्कूल

11. एस. जी. पब्लिक स्कूल

12 भारतीय विद्यापीठ बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल

13. नेमीचंद एजूकेशनल अकादमी

14. शांति निकेतन पब्लिक स्कूल

15. एस. एस. कॉन्वेंट सीनियर सैं स्कूल
16. सिम्बोजिया पब्लिक स्कूल

17.सुमित राहुल गोयल मैमोरियल स्कूल

18. श्री विजय महारानी इंटरनेशनल अकेडमी

19. जी. सी. गोयल इंटरनेशनल स्कूल

20. सीमैक्स इंटरनेशनल स्कूल

21. श्री महावीर जी पब्लिक स्कूल
22. सनफ्लावर पब्लिक स्कूल

23. संस्कार पब्लिक स्कूल

24. मदर आर. डी. सीनियर सै. स्कूल

25. माही इंटरनेशनल स्कूल

26. सेंट्रल आगरा पब्लिक स्कूल

27. होली लाइट पब्लिक स्कूल
28. सेंट एण्ड्रूज पब्लिक स्कूल, बरौली अहीर
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