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शिक्षकों, लड़कों और लड़कियों को समान रूप से यौन शिक्षा दी जाए

locationआगराPublished: Apr 14, 2018 07:10:45 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

उन्नाव और कठुआ दुष्कर्म से अप्सा अध्यक्ष सुशील गुप्ता का हृदय द्रवित, दिए हैं कई सुझाव

सुशील गुप्ता

सुशील गुप्ता

आगरा। जम्मू कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बच्चियों के साथ हैवानियत हुई है। इसकी पूरे देश में प्रतिक्रिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को कठोर कदम उठाने पड़े हैं। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरी यानी सीबीआई ने उन्नाव प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक को बोलना पड़ा है। एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) के अध्यक्ष और प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक सुशील गुप्ता ने द्रवित हृदय से महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
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सुरक्षा और तंदुरुस्ती के लिए कक्षाएँ हों
अप्सा के अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थान होने के नाते हमारे लिए केवल लड़कियों की सुरक्षा ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उससे भी अधिक इस बात पर बल दिया जाए कि उन्हें शक्तिपूर्वक और समझदारी से कार्यवाही करने योग्य बनाया जाए। विद्यालयों में छात्राओं के लिए आवश्यक रूप से आत्म सुरक्षा और तंदुरुस्ती के लिए कक्षाएँ हों। सुरक्षा बलों से संबद्ध महिलाओं के साथ और अधिक वार्ता सत्र आयोजित किए जाने चाहिए। उनके द्वारा संकट के समय उठाये जा सकने वाले कदमों की जानकारी छात्राओं को दी जानी चाहिए।
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विद्यालयों में नैतिक शिक्षा आवश्यक रूप से दी जाए

श्री गुप्ता का कहना है कि सबसे महत्वपूर्ण है रोकथाम और बचाव। हमें शिक्षकों, लड़कों और लड़कियों को समान रूप से यौन शिक्षा के सुधार के लिए कार्य करना चाहिए। उन्हें साथ-साथ इस विषय में बताया जाए और विचार-विमर्श को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इससे एकदूसरे के प्रति समान रूप से सम्मान बढ़ेगा और हम ऐसे बेहतर मनुष्य बनने की आशा कर सकते हैं, जो ऐसे अमानवीय कृत्य कभी नहीं करेंगे। बेहतर है कि कारण पर ध्यान केंद्रित करें बजाय प्रतिक्रिया के। विद्यालयों में नैतिक शिक्षा आवश्यक रूप से दी जानी चाहिए। छात्राओं को आवश्यक सहायता के सभी सम्पर्क सूत्रों व नम्बरों की जानकारी अविलम्ब दी जाए। छात्राओं के साथ शिक्षिकाओं का संबंध ऐसा हो कि वे उन पर विश्वास कर सकें और किसी भी समस्या के आने पर खुल कर बता सकें तथा सहायता ले सकें।
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