script2019 में ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति, जानिए किस राशि में हैं धनु और कब तक रहेंगे, इन राशियों को रहना होगा सावधान | Shani in Dhanu Rashi at 2019 Rashifal and Grah | Patrika News

2019 में ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति, जानिए किस राशि में हैं धनु और कब तक रहेंगे, इन राशियों को रहना होगा सावधान

locationआगराPublished: Dec 22, 2018 06:19:12 pm

राशियों के वार्षिक फलकथन में गोचरीय ग्रह चाल में देवगुरु बृहस्पति, शनि एवं राहु-केतु की स्थिति सबसे महत्वपूर्ण होती है। 2019 में क्या रहेगी। जानिए कब तक रहेंगे शनि किस राशि में।

rashifal

rashifal

आगरा। वैदिक हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के जरिए प्रत्येक व्यक्ति की राशि के आधार पर उसके आने वाले शुभ और अशुभ समय के बारे में जानकारी की जा सकती है। इस बात को लेकर ज्यादातर व्यक्तियों में खासा उत्सुकता भी रहती है कि हमारा आने वाला नवीन वर्ष किस प्रकार का रहेगा, आने वाला नवीन वर्ष 2019 उनके जीवन में किस प्रकार के नए बदलाव लेकर आने वाला है। पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वैदिक हिन्दू ज्योतिष भविष्यफल 2019 के अनुसार आने वाला वर्ष 2019 में सभी 12 राशियों के जीवन में है बेहद ख़ास लेकिन कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रहा है।
गोचरीय ग्रह चाल में अपना स्थान बदलते हैं ग्रह
वैदिक सूत्रम चेयरमैन भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने वार्षिक राशिफलों के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि वार्षिक राशिफलों के फल कथन में गोचरीय ग्रह चाल में सबसे लम्बी अवधि तक एक ही राशि पर रहने वाले देवगुरु बृहस्पति, शनि, राहु व केतु ग्रह का महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि इसमें देवगुरु बृहस्पति ग्रह लगभग 13 महीने बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचरीय ग्रह चाल में अपना स्थान परिवर्तन करते हैं। शनि ग्रह लगभग ढाई वर्ष बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है और राहु-केतु एक वर्ष छह माह बाद गोचरीय ग्रह चाल में वक्री अवस्था में अपना राशि परिवर्तन करते हैं। क्योंकि राहु-केतु हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं, इसलिए वो हमेशा पीछे वाली राशि में गोचरीय ग्रह चाल में प्रवेश करते हैं। वर्तमान में राहु कर्क राशि में और केतु मकर राशि में गोचरीय ग्रह चाल में विराजमान हैं। अगस्त 2017 से लेकिन 2019 में गोचरीय ग्रह चाल में राहु अपनी वर्तमान में स्थित राशि कर्क की डेढ़ वर्ष की अवधि पूरी करने के बाद वह वक्री अवस्था में कर्क से पीछे वाली राशि मिथुन में 7 मार्च 2019 को अपना गोचरीय ग्रह चाल में वक्री अवस्था में मिथुन राशि में अपना स्थान परिवर्तन करेंगे। जो लगभग मार्च 2019 से आने वाले डेढ़ वर्ष तक मिथुन राशि में अपनी वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे। क्योंकि राहु के लिए मिथुन राशि उच्च अवस्था वाली राशि मानीं जाती है। इसलिए इस मिथुन राशि में राहु शुभ फल प्रदान करने वाले माने जाते हैं। दूसरी तरफ केतु भी सात मार्च 2019 को वर्तमान में गोचरीय ग्रह चाल में मकर राशि में से वक्री अवस्था में अपनी पीछे वाली राशि धनु राशि में अपना डेढ़ वर्ष के स्थान परिवर्तन करेगें अर्थात 7 मार्च 2019 से लेकर लगभग डेढ़ वर्ष तक केतु अपनी उच्च राशि धनु में विराजमान रहेगें, इस धनु राशि में केतु को उच्च अवस्था का फल प्रदान करने वाला माना जाता है।
सात ग्रहों में सबसे अधिक शुभ देवगुरु बृहस्पति
वैदिक सूत्रम चेयरमैन भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि सभी मान्यता प्राप्त सात ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ ग्रह देवगुरु बृहस्पति हैं। जिनको देवताओं का मंत्री भी कहा जाता है। जिसके शुभ आशीर्वाद से ही व्यक्ति के सारे शुभ कार्य सम्पन्न होते हैं। जैसे नवीन घर, वाहन, जॉब, प्रमोशन, राजनीति में उच्च पद की प्राप्ति, सन्तान प्राप्ति, नवीन विवाह का योग अर्थात जितने भी शुभ कार्य होते हैं वह देवगुरु बृहस्पति ग्रह के आशीर्वाद से ही पूर्ण रूप से सम्पन्न होते हैं। इसलिए वार्षिक राशिफल के फलकथन में देवगुरु बृहस्पति ग्रह का किसी भी जातक की राशि से शुभ भाव में गोचरीय ग्रह चाल में भृमण काल में स्थित होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। उस व्यक्ति को लगभग 13 महीने तक अति शुभ ग्रह देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे कि व्यक्ति को उस वर्ष जिस कार्य के पूर्ण होने की आशा कर रहा है। वह देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद से पूर्ण होने की प्रबल सम्भावना बन जाती है। चाहे उसकी जन्मकुंडली में वर्तमान महादशा खराब ही क्यों न चल रही हो। इसलिए देवगुरु बृहस्पति ग्रह की महत्पूर्ण भूमिका होती है। वार्षिक राशिफलों के फलकथन में पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति 11 अक्टूबर 2018 से गोचरीय ग्रह चाल में वृश्चिक राशि में विराजमान हैं जो लगभग 4 नवम्बर 2019 तक वृश्चिक राशि ही रहेगें, इसके बाद देवगुरु बृहस्पति अपनी गोचरीय ग्रह चाल में पांच नवम्बर 2019 से अपनी स्वयं की राशि धनु में अपनी शक्तिशाली अवस्था में प्रवेश करेगें जो कि 5 नवम्बर 2019 से लगभग 13 महीने तक अपनी स्वयं की राशि धनु पर स्थित रहेगें।
गोचरीय ग्रह चाल में सबसे लंबी अवधि
वैदिक सूत्रम चेयरमैन भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि गोचरीय ग्रह चाल में सबसे लम्बी अवधि तक एक ही राशि में न्याय के अधिपति शनि ग्रह लगभग ढाई वर्ष तक विराजमान रहते हैं। शनि ग्रह को गोचरीय ग्रह चाल में एक राशि से दूसरी राशि में स्थान परिवर्तन करने में लगभग ढाई वर्ष का समय लग जाता है, इसलिए किसी भी व्यक्ति की राशि से जब शनि ग्रह अशुभ भाव में विचरण करते हैं, तो उस व्यक्ति को ढाई वर्ष तक शनि ग्रह की कार्मिक दण्डों की पीड़ा सहन करनी पड़ती है। वर्तमान में शनि ग्रह 26 अक्टूबर 2017 से धनु राशि में विराजमान हैं और जो लगभग 24 जनवरी 2020, दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक रहेंगे। वर्तमान में धनु, वृशिक, व मकर राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है, जिसमें मकर राशि वाले जातकों को शनि की साढ़े साती सबसे अधिक पीड़ादायक है, विशेषकर स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों में। वर्तमान में शनि ग्रह मकर राशि से अर्थात अपनी राशि मकर से बारहवें भाव में स्थित हैं अर्थात धनु राशि में विराजमान हैं जो कि 24 जनवरी 2020 दोपहर तक रहेंगे। इसलिए मकर राशि के व्यक्तियों को 24 जनवरी 2020 तक स्वास्थ्य के मामलों में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। और दूसरी तरफ शनि ग्रह का वर्तमान में पूरा प्रभाव धनु राशि के जातकों पर भी है, शनि की साढ़ेसाती के दौरान, इसलिए इस राशि के जातकों को भी अपने जीवन साथी से समय समय पर अनबन रह सकती है। 24 जनवरी 2020 तक, इसलिए इस अवधि में अपने जीवन साथी से बेहतर तालमेल बनाकर रखें, जो धनु राशि के जातक साझेदारी में व्यापार कर रहें हैं, उनको इस अवधि में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 24 जनवरी 2020 तक शनि ग्रह की धनु राशि पर स्थिति के कारण, इसलिए साझेदारों से वाद विवाद न करें 24 जनवरी 2020 तक। शनि की साढ़े साती में दूसरा नकारात्मक प्रभाव वृशिक राशि के जातकों पर भी है। क्योंकि उनकी राशि वृशिक से शनि ग्रह दूसरे भाव में विराजमान हैं अर्थात वाणी, कुटुम्ब, व संचित धन वाले भाव में 26 अक्टूबर 2017 से लेकर 24 जनवरी 2020 तक रहेंगे। इसलिए वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि ग्रह अपनी उतरती शनि की साढ़ेसाती के दौरान वाणी दोष पैदा कर सकते हैं। इस दौरान कुटुम्ब में विरोधाभास की स्थिति पैदा हो सकती है, संचित धन के मामलों में, इसलिए वृशिक राशि के जातक अपनी वाणी पर काबू रखें कोई ऐसी बात न कहें जिससे सामने वाले के ह्रदय को ठेस पंहुचती हो, अपने कुटुम्ब और सहयोगियों के प्रति विन्रम रहें 24 जनवरी 2020 तक, वरना शनि ग्रह का वर्तमान में वाणी के भाव में नकारात्मक प्रभाव सभी से सम्बन्ध खराब करा देगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो