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Sharad Purnima अगर आपको है दमा, अस्थमा, श्वांस रोग तो इस गुरुद्वारे में लीजिए दवा, इतने बजे तक पहुंचें

locationआगराPublished: Oct 13, 2019 07:09:57 am

Submitted by:

Bhanu Pratap

-साल में एक बार सिर्फ एक दिन शरद पूर्णिमा पर मिलती है दवा
-गाय के दूध मे विशेष प्रकार के चावल से बनाई जाती है मेडिसिन
-सुबह से ही गुरुद्वारा गुरु का ताल पर पहुंचने लगे रोगी
-यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से भी आते हैं मरीज

Gurudwara guru ka taal

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आगरा। आज शरद पूर्णिमा है। धार्मिक के साथ-साथ शरद पूर्णिमा का औषधीय महत्व भी है। माना जाता है कि इस दिन खीर में दवा सेवन से दमा, अस्थमा, श्वांस, अलर्जी रोग ठीक हो जाता है। गुरुद्वारा गुरु का ताल, आगरा में इसके लिए विशेष प्रकार की दवा तैयार की जाती है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के तमाम रोगी गुरुद्वारा गुरु का ताल में पहुंचना शुरू हो गए हैं।
1971 से किया जा रहा वितरण
देशी दवाई का वितरण 1971 से संत बाबा साधू सिंह मोनी के समय से किया जा रहा है। इसका निर्वहन मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह कर रहे हैं। गाय के दूध में विशेष प्रकार के चावल से खीर बनाई जाती है। रात भर खीर और दवाई को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। सुबह सूरज निकलने से पहले दवाई खाने को कहा जाता है। बाहर के रोगियों को गुरुद्वारा में ही दवा खाने को कहा जाता है। दवा खाने के बाद उन्हें भ्रमण के लिए कहा जाता है। आगरा के रोगी घर जाकर भी दवा का सेवन कर सकते हैं। साथ में उन्हें एक पर्चा दिया जाता है, जिस पर सेवन विधि अंकित होती है।
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आज शाम छह बजे से होगा वितरण

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह एवं समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि दवा वितरण 13 अक्टूबर को शाम छह बजे से किया जाएगा। मिट्टी के सकोरे में दवा दी जाती है। गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी के साथ दवा दी जाती है। दवा के साथ दुआ भी की जाती है। 48 साल से यह क्रम सतत रूप से चल रहा है। दवा का अनुपात मरीज की उम्र एवं मर्ज की स्थिति को देखकर निर्धारित होता है।
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40 दिन का परहेज
दवा ग्रहण करने के बाद 40 दिन तक परहेज करना होगा। पेट खराब करने वाली वस्तुओं के अलावा खट्टी, तली हुई और ठंडी वस्तुओं के सेवन करना वर्जित है। दवा देशी जड़ी बूटियों से बनी है। संत बाबा प्रीतम सिंह अपनी देख-रेख में तैयार करवाते हैं। हर साल हजारों लोग ठीक हो रहे हैं। संत बाबा प्रीतम सिंह का कहना है कि जो रोगी बदपरहेजी करते हैं, उन्हें लाभ होने की संभावना घट जाती है। परहेज करने वाले मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता हैं।
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