तीन दिन के Satyagrah के बाद पहुंचे लखनऊ
डायट परिसर में पिछले तीन दिनों से Shiksha Mitra सत्याग्रह कर रहे थे। रविवार को वे लखनऊ के लिए रवाना हो गए। रविवार शाम बड़ी संख्या में लोग ट्रेन, बसों और अपने निजी वाहनों से लखनऊ के लिए निकले। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि आगरा से पांच हजार से अधिक लोग लखनऊ पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तरीय इस प्रदर्शन में शिक्षामित्र अपने हक के लिए सरकार को नींद से जगाएंगे।
डायट परिसर में पिछले तीन दिनों से Shiksha Mitra सत्याग्रह कर रहे थे। रविवार को वे लखनऊ के लिए रवाना हो गए। रविवार शाम बड़ी संख्या में लोग ट्रेन, बसों और अपने निजी वाहनों से लखनऊ के लिए निकले। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि आगरा से पांच हजार से अधिक लोग लखनऊ पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तरीय इस प्रदर्शन में शिक्षामित्र अपने हक के लिए सरकार को नींद से जगाएंगे।
Satyagrah को तैयार शिक्षामित्र
लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में शिक्षामित्र रविवार रात से जुटना शुरू हो गए। आगरा से पांच हजार से अधिक लोग शिक्षामित्रों के साथ यहां पहुंचे। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि सभी शिक्षामित्र राष्ट्रीय ध्वज लेकर इस सत्याग्रह में शामिल होंगे। शिक्षामित्रों का मानना है कि वे राष्ट्र से अपने जीवन का अधिकार मांग रहे हैं।
लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में शिक्षामित्र रविवार रात से जुटना शुरू हो गए। आगरा से पांच हजार से अधिक लोग शिक्षामित्रों के साथ यहां पहुंचे। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि सभी शिक्षामित्र राष्ट्रीय ध्वज लेकर इस सत्याग्रह में शामिल होंगे। शिक्षामित्रों का मानना है कि वे राष्ट्र से अपने जीवन का अधिकार मांग रहे हैं।
ये रखी मांग
शिक्षामित्रों की मांग है कि केन्द्र या राज्य सरकार दोनों एक निर्णय लेकर Supreme Court से आए आदेश को देखते हुए एक विधेयक लोकर शिक्षामित्रों की नौकरी बचाएं। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों के साथ धोखा नहीं कर सकती है। शिक्षामित्रों का कहना है कि समायोजित शिक्षामित्रों को जो वेतनमान मिल रहा था, उस वेतनमान पर एक नया पद बनाकर, शिक्षामित्रों को परमानेंट कर दिया जाए, जिससे उनकी रोजी रोटी बच सके।
शिक्षामित्रों की मांग है कि केन्द्र या राज्य सरकार दोनों एक निर्णय लेकर Supreme Court से आए आदेश को देखते हुए एक विधेयक लोकर शिक्षामित्रों की नौकरी बचाएं। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों के साथ धोखा नहीं कर सकती है। शिक्षामित्रों का कहना है कि समायोजित शिक्षामित्रों को जो वेतनमान मिल रहा था, उस वेतनमान पर एक नया पद बनाकर, शिक्षामित्रों को परमानेंट कर दिया जाए, जिससे उनकी रोजी रोटी बच सके।
यहां नहीं हुई सुनवाई तो जाएंगे दिल्ली
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो अगला आंदोलन दिल्ली में होगा। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्र शांत बैठने वाले नहीं हैं, जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिल जाता है, लड़ाई जारी रहेगी।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो अगला आंदोलन दिल्ली में होगा। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्र शांत बैठने वाले नहीं हैं, जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिल जाता है, लड़ाई जारी रहेगी।