शिवाजी की आगरा यात्रा का ऐतिहासिक महत्वः स्रोत एवं साक्ष्य विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्ताव पारित किया गया कि शिवाजी से सबंधित स्थलों का राज्य सरकार अधिग्रहण कर उनका विकास करे।
dr krishna gopal
आगरा। शिवाजी की आगरा यात्रा का ऐतिहासिक महत्वः स्रोत एवं साक्ष्य विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का पहला दिन सार्थक रहा। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने आह्वान किया कि आगरा में शिवाजी का भव्य स्मारक बनाया जाए। ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम हो। इसके तत्काल बाद प्रस्ताव पारित किया गया कि शिवाजी से सबंधित स्थलों का राज्य सरकार अधिग्रहण कर उनका विकास करे।
यह भी पढ़ें352 साल बाद शिवाजी की आगरा यात्रा का सबसे बड़ा रहस्य उजागर, देखें वीडियोविधायकों ने दिया सहयोग का वचन डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि आगरा किले के सामने शिवाजी की प्रतिमा लगी है। भव्य स्मारक बनाए जाने की जरूरत है। सबको साथ लेकर यह काम किया जाए। इसके तत्काल बाद इतिहास संकलन समिति के डॉ. तरुण शर्मा ने स्मारक बनाने और शिवाजी का आगरा यात्रा से संबंधित स्थलों का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखा। पूरे सदन ने करतल ध्वनि के साथ पारित किया। विधायक चौधरी उदयभान सिंह, योगेन्द्र उपाध्याय, राम प्रताप सिंह चौहान, डॉ. जीएस धर्मेश आदि ने मौके पर ही सहयोग का वचन दिया।
कुलपति ने कहा- ट्रस्ट बनाया जाए डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार दीक्षित ने कहा कि विश्वविद्यालय ने आगरा किले के सामने स्थापित शिवाजी की प्रतिमा को गोद लिया है। इसका रखरखाव किया जा रहा है। उन्होंने स्मारक के लिए ट्रस्ट बनाए जाने की बात कही। इसमें समाज के प्रमुख लोग, सभी विधायक और स्थानीय सांसदों को शामिल करने की भी बात कही। कुलपति ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
यह भी पढ़ेंशिवाजी के आगरा किले से भागने की कहानी झूठी, फिर सच्चाई क्या है, देखें वीडियो21 सितम्बर को होगा समापन डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) के पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक और इतिहास के प्रोफेसर डॉ. सुगम आनंद तथा आगरा कॉलेज में पत्रकारिता विभाग के शिक्षक डॉ. अमी आधार निडर ने यह संगोष्ठी कराई है। विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जय प्रकाश नारायण सभागार में चल रही राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय है- शिवाजी की आगरा यात्रा का ऐतिहासिक महत्वः स्रोत एवं साक्ष्य। यह संगोष्ठी 21 सितम्बर को भी चलेगी। 21 सितम्बर को समापन समारोह होगा।