ग्रहों की स्थिति जीवन को करती प्रभावित
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि दरअसल ज्योतिषशास्त्र भी एक विज्ञान है। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक ग्रहों के उतार चढ़ाव का संबन्ध हमारे जीवन से होता है। यही कारण है कि योग्य ज्योतिषविद सिर्फ कुंडली देखकर ही व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ी ज्यादातर बातें बता देते हैं।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि दरअसल ज्योतिषशास्त्र भी एक विज्ञान है। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक ग्रहों के उतार चढ़ाव का संबन्ध हमारे जीवन से होता है। यही कारण है कि योग्य ज्योतिषविद सिर्फ कुंडली देखकर ही व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ी ज्यादातर बातें बता देते हैं।
डायबिटीज ही नहीं इन रोगों का भी जिम्मेदार शुक्र
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि रूप सौंदर्य, आकर्षण, धन संपत्ति, व्यवसाय, प्रेम वासना आदि सांसारिक सुखों के कारक शुक्र है। जब यह कुंडली में मजबूत स्थिति में होता है तो व्यक्ति का जीवन विलासितापूर्ण गुजरता है। लेकिन जब यह कमजोर होता है तो कई परेशानियों का कारण बनता है। डायबिटीज के अलावा शुक्र कमजोर होने से आर्थिक कष्ट, कुष्ठ रोग, गुप्त रोग व गर्भाशय संबंधी रोग आदि भी हो सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि रूप सौंदर्य, आकर्षण, धन संपत्ति, व्यवसाय, प्रेम वासना आदि सांसारिक सुखों के कारक शुक्र है। जब यह कुंडली में मजबूत स्थिति में होता है तो व्यक्ति का जीवन विलासितापूर्ण गुजरता है। लेकिन जब यह कमजोर होता है तो कई परेशानियों का कारण बनता है। डायबिटीज के अलावा शुक्र कमजोर होने से आर्थिक कष्ट, कुष्ठ रोग, गुप्त रोग व गर्भाशय संबंधी रोग आदि भी हो सकते हैं।
शनि और राहू भी जिम्मेदार
डायबिटीज एक लंबी बीमारी है और लंबी बीमारियां शनि के कमजोर होने से भी होती हैं। वहीं राहू दिमाग को प्रभावित करता है यानी तनाव, अनिद्रा आदि परेशानियां देता है। आपने पढ़ा होगा कि तनाव मधुमेह का बड़ा कारण होता है और तनाव या अन्य मानसिक परेशानियां राहू पैदा करता है। ऐसे में डायबिटीज की बीमारी में शुक्र के साथ साथ शनि और राहू भी जिम्मेदार होते हैं।
डायबिटीज एक लंबी बीमारी है और लंबी बीमारियां शनि के कमजोर होने से भी होती हैं। वहीं राहू दिमाग को प्रभावित करता है यानी तनाव, अनिद्रा आदि परेशानियां देता है। आपने पढ़ा होगा कि तनाव मधुमेह का बड़ा कारण होता है और तनाव या अन्य मानसिक परेशानियां राहू पैदा करता है। ऐसे में डायबिटीज की बीमारी में शुक्र के साथ साथ शनि और राहू भी जिम्मेदार होते हैं।
ये उपाय करेंगे काम
1. शुक्र मंत्र ओम सं शुक्राय नम: का जाप करें। 2. राहू की शांति के लिए ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवै नम: मंत्र का जाप करें।
3. शनि को प्रसन्न करने के लिए गरीब, कमजोर व असहायों की मदद करें
4. आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए सूर्य को जल दें और ओम घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
5. स्त्री का सम्मान करें।
6. माता लक्ष्मी की आराधना करें।
7. पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
8. हनुमान बाबा की आराधना करें।
9. शुक्रवार के दिन सफेद चीजें जैसे सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, दूध, दही आदि का दान करें।
10. सफेद मोती, सफेद पुखराज, सफेद टोपाज आदि रत्न धारण करें।
1. शुक्र मंत्र ओम सं शुक्राय नम: का जाप करें। 2. राहू की शांति के लिए ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवै नम: मंत्र का जाप करें।
3. शनि को प्रसन्न करने के लिए गरीब, कमजोर व असहायों की मदद करें
4. आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए सूर्य को जल दें और ओम घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
5. स्त्री का सम्मान करें।
6. माता लक्ष्मी की आराधना करें।
7. पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
8. हनुमान बाबा की आराधना करें।
9. शुक्रवार के दिन सफेद चीजें जैसे सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, दूध, दही आदि का दान करें।
10. सफेद मोती, सफेद पुखराज, सफेद टोपाज आदि रत्न धारण करें।