अलौकिक था सबकुछ नगर कीर्तन ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा माईथान से शुरू हुआ। नगर का भ्रमण करते हुए गुरुद्वारा नार्थ ईदगाह पहुंचा। नगर कीर्तन में चल रहे हजारों श्रद्धालुओं का जोशीला स्वागत किया गया। गुरुद्वारा नार्थ ईदगाह की सीमा में कलेक्ट्रेट चौराहे से गुरुद्वारे तक रोड की भव्य सजावट की गई थी। पूरे गुरुद्वारा साहिब को आकर्षक जगमगाती रोशनी से सजाया गया था। विशाल स्वागत द्वार बने थे, जिन पर धर्म के प्रतीक निशान साहिब के झंडे लहरा रहे थे। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का दीवान सुंदर सुंदर खुशबूदार फूलों से सजाया गया। गुरु ? महाराज जी के आगे अरदास कर हजारों संगतों के लिए गुरु का अटूट लंगर चला। गुरु प्यारी संगतों पर पुष्पवर्षा की गई। सबकुछ आलौकिक था।
जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल की गूंज गुरद्वारा गुरु का बाग मधुनगर व गुरद्वारा नार्थ ईदगाह कमेटी ने एक मंच बनाया था। सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधानों के साथ गणमान्य लोगों व संगत का स्वागत किया गया। नितनेम के पाठ के साथ गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन की अमृत वर्षा हजूरी रागी द्वारा की गई। नगर कीर्तन में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सवारी पांच प्यारों के साथ जैसे ही पहुंची, भव्य आतिशबाजी के साथ जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल के जयकारा गूंज उठा।
इनका हुआ सम्मान प्रबंधक कमेटी द्वारा सबसे पहले गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल के हेड मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह का सम्मान किया गया। संत बाबा प्रीतम सिंह ने नगर कीर्तन में चल रहे सभी जत्थेबंदियों का स्वागत गुरु का सरोपा भेंट किया। प्रधान गुरुद्वारा गुरु का बाग मधु नगर नरेंद्र सिंह लालिया, प्रधान गुरुद्वारा नार्थ ईदगाह हरप्रीत सिंह ने सभी संगतों का आभार व्यक्त किया। साथ ही गुरु महाराज जी का शुकराना किया। नरेंद्र सिंह लालिया, हरप्रीत सिंह, दर्शन सिंह, गुरु सेवक श्याम भोजवानी, कुलदीप सिंह संधू, जयमल सिंह, अरजिंदर पाल सिंह, सुरेंद्र सिंह भिंडर, गुरविंदर सिंह सोबती, सतनाम सिंह लालिया, हरपाल सिंह लक्की, जरनैल सिंह, मलकीत सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।