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जूनियर डॉक्टर ने रिहाई के बाद दिखाए जख्म, बार में शराब को लेकर हुआ था बखेड़ा

locationआगराPublished: Sep 19, 2018 11:38:17 am

आगरा। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने अपने शरीर पर पुलिस के डंडों के निशान दिखाए। कहा कि पुलिस ने जिंदगी भर का जख्म दिया है। 15 में से चार जेल से रिहा हो गए। बता दें कि शनिवार रात को अशोका होटल एंड बार में तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने एसएन इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों पर डंडे बरसाए थे।
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जूनियर डॉक्टर ने रिहाई के बाद दिखाए जख्म, बार में शराब को लेकर हुआ था बखेड़ा

होटल में तोड़फोड़ के साथ पुलिसकर्मियों से हुई थी मारपीट
होटल में तोड़फोड़ और पुलिसकर्मियों से मारपीट के मामले में दो दिन से 15 जूनियर डॉक्टर जेल में थे। पुलिस ने इनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। जिला जेल में मंगलवार शाम तक वरुण, सुनील, कृष्णकांत और आयुष की रिहाई के पेपर पहुंच गए। इसके बाद चारों को जेल से रिहा कर दिया गया। शेष की रिहाई आज होनी है। अधिवक्ताओं के माध्यम से सीजेएम सर्वजीत सिंह की अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत ने केस डायरी तलब करते हुए मंगलवार को सुनवाई के आदेश दिए थे। दीवानी में सभी जूनियर डॉक्टरों के परिजन पहुंच गए। जूनियर डॉक्टरों के अधिवक्ताओं ने उन्हें बेकसूर बताते हुए जमानत देने की प्रार्थना की। सीजेएम ने बीस-बीस हजार की जमानत राशि पर रिहाई के आदेश दे दिए। जमानत होते ही परिजनों के चेहरे खिल गए।
ये हुए रिहा, छूट गए जमानती लाने के लिए पसीने
रिहाई के लिए पवन कुमार, रीतेश कुमार, अभिजीत, प्रत्यूष मिश्र, श्यामेंद्र पाठक, अमित कुमार गौड़, वरुण गर्ग, जैनूल, सचिन, सदांशु, सुनील, कुलकेश, कृष्णकांत, तुषार और आयुष के परिजनों को जमानती जुटाने में पसीने छूट गए। 15 जूनियर डॉक्टरों के लिए 30 जमानतियों की आवश्यकता थी। जमानत होने के बाद रिहाई के कागजात तैयार नहीं हो सके। जूनियर डॉक्टरों के जेल जाने के बाद आईएमए आगरा ने ऐलान किया था कि यदि उनकी रिहाई 48 घंटे में नहीं हुई तो आईएमए हड़ताल कर देगी। डॉक्टर्स ने इसके लिए काली पट्टी बांधकर भी प्रदर्शन किया था। जूनियर चिकित्सकों के जेल से रिहाई होने के बाद अब जख्मों पर घमासान मचना शुरू हो गया है।
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