रिहाई के लिए पवन कुमार, रीतेश कुमार, अभिजीत, प्रत्यूष मिश्र, श्यामेंद्र पाठक, अमित कुमार गौड़, वरुण गर्ग, जैनूल, सचिन, सदांशु, सुनील, कुलकेश, कृष्णकांत, तुषार और आयुष के परिजनों को जमानती जुटाने में पसीने छूट गए। 15 जूनियर डॉक्टरों के लिए 30 जमानतियों की आवश्यकता थी। जमानत होने के बाद रिहाई के कागजात तैयार नहीं हो सके। जूनियर डॉक्टरों के जेल जाने के बाद आईएमए आगरा ने ऐलान किया था कि यदि उनकी रिहाई 48 घंटे में नहीं हुई तो आईएमए हड़ताल कर देगी। डॉक्टर्स ने इसके लिए काली पट्टी बांधकर भी प्रदर्शन किया था। जूनियर चिकित्सकों के जेल से रिहाई होने के बाद अब जख्मों पर घमासान मचना शुरू हो गया है।