गौरतलब है कि आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत सिंह ने अखिलेश यादव के साथ बैठक की थी, जिसके बाद आरएलडी को सूबे की तीन सीटें दी गई हैं। पार्टी का एक उम्मीदवार सपा के चुनाव चिन्ह पर उतरेगा। सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी की लोकसभा सीटों को लेकर तीनों दलों में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पश्चिम यूपी की 22 लोकसभा सीटों में से ज्यादातर सीटें बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई है। बसपा पश्चिम की 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि आठ सीटों पर सपा और तीन सीटें पर आरएलडी को मिली हैं।
रालोद पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर का कहना है कि अभी सीटों का आधिकारिक ऐलान होना बाकी है। 22 जनवरी तक पूरी तहर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि तीन सीटों में मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर की सीटें रालोद के पास आ सकती है।
गठबंधन में रालोद नया साथी के रूप में आने के बाद बसपा को नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ-हापुड़, बुलंदशहर, आगरा, फतेहपुर सीकरी, सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर, नगीना की सीटों से प्रत्याशी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं हाथरस, कैराना, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, मैनपुरी, फिरोजाबाद, एटा की सीटें सपा के खाते में गई हैं। इस गठबंधन में चौधरी अजित सिंह की पार्टी आरएलडी शामिल है। उसे बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा की सीट मिली है।