scriptNeurotrauma 2019: दिमाग और रीढ़ की हड्डी के इलाज में नहीं कारगर देश की सबसे महंगी स्टेम सेल थेरेपी चिकित्सा पद्धति | Stem cell therapy not affected in Neuro and Spine treatment | Patrika News

Neurotrauma 2019: दिमाग और रीढ़ की हड्डी के इलाज में नहीं कारगर देश की सबसे महंगी स्टेम सेल थेरेपी चिकित्सा पद्धति

locationआगराPublished: Aug 24, 2019 08:07:25 pm

– न्यूरोट्रॉमा-2019 में दूसरे दिन आयोजित हुए कई खास सत्र- विशेषज्ञ बोले मस्तिष्क आघात के इलाज में जितनी देरी उतनी मुश्किल
 

Neurotrauma 2019: दिमाग और रीढ़ की हड्डी के इलाज में नहीं कारगर देश की सबसे महंगी स्टेम सेल ​थेरेपी चिकित्सा पद्धति

Neurotrauma 2019: दिमाग और रीढ़ की हड्डी के इलाज में नहीं कारगर देश की सबसे महंगी स्टेम सेल ​थेरेपी चिकित्सा पद्धति

आगरा। यह सही है कि स्टेम सेल व बोनमैरो प्रत्यारोपण शरीर की खराब हो चुकी कोशिकाओं को दोबारा विकसित कर देता है। लेकिन दिमाग या रीढ़ की चोट को यह ठीक कर देता है, ये कहना गलत है। कुछ लोग दावा करते हैं कि स्टेम सेल से स्पाइन इंजरी को ठीक किया जा सकता है, जबकि न तो अभी ऐसे किसी इलाज को मान्यता है और न ही ऐसा कोई प्रमाण सामने आया है। बल्कि न्यूरो मॉड्यूलेशन जिसमें रीढ़ की हड्डी का इलाज इंस्टियमलेशन से किया जाता है के परिणाम बेहतर सामने आए हैं। यह कहना है न्यूरो विशेषज्ञों का। फतेहाबाद रोड स्थित होटल जेपी पैलेस में न्यूरोटाॅमा सोसाइटी ऑफ इंडिया और न्यूरोलाॅजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की न्यूरोटाॅमा 2019 में दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
एसोसिएशन ने जताई आपत्ति
एसोसिएशन ऑफ स्पाइन सर्जन्स ऑफ इंडिया के एक विशेष सत्र में विशेषज्ञों ने कहा कि स्टेम सेल मानकों के अनुरूप इलाज की पद्धति नहीं है। अभी दुनिया भर में इस पर शोध चल रहे हैं। फिर भी रीढ़ की हड्डी की चोट में स्टेम सेल से इलाज का दावा किया जाता है। इस पर एसोसिएशन ऑफ स्पाइन सर्जन्स ऑफ इंडिया ने आपत्ति जताई है। डाॅक्टरों के अनुसार रीढ़ की हड्डी व दिमाग के इलाज के लिए इस चिकित्सा पद्धति को मान्यता नहीं मिलने के कारण इसका इस्तेमाल मरीजों की सहमति से सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल के रूप में किया जा सकता है। क्लीनिकल ट्रायल एक तरह का चिकित्सा शोध है और इसके लिए मरीजों से पैसे नहीं लिए जाते।
Neurotrauma 2019: दिमाग और रीढ़ की हड्डी के इलाज में नहीं कारगर देश की सबसे महंगी स्टेम सेल ​थेरेपी चिकित्सा पद्धति
साबित नहीं हुआ है कि स्टेम सेल इलाज में कारगर
इंडियन स्पाइनल इंजुरीज सेंटर के चिकित्सा निदेशक डॉ. एचएस छाबड़ा ने कहा कि यह सही है कि स्टेम सेल से काफी उम्मीदें और संभावना हैं, लेकिन दुनिया में कहीं भी अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि स्टेम सेल रीढ़ की हड्डी की चोट के इलाज में कारगर है। जब तक शोध से साबित नहीं हो जाता तब तक इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। एसोसिएशन ने मरीजों को आगाह किया है कि हो सकता है कि भविष्य में स्टेम सेल मान्यता प्राप्त थैरेपी बन जाए, लेकिन फिलहाल मरीज सावधानी बरतें।
इन्होंने दी महत्वपूर्ण जानकारी
न्यूरोट्राॅमा सोसायटी ट्रायल इंडिया के सचिव डॉ. सुमित सिन्हा ने बताया कि न्यूरोटाॅमा के मरीजों का इलाज अब आधुनिक तकनीक पर आधारित है। एक समय था जब यह डाॅक्टर अपने अनुभव के आधार पर करते थे, लेकिन पिछले कुछ समय में इस क्षेत्र में न्यूरोटाॅमा सोसायटी ट्रायल इंडिया के अध्यक्ष डॉ. वी सुंदर, अंतर्राष्टीय फैकल्टी में टोरंटो के डॉ. क्रिस्टोफर एस आहूजा, नेपाल के प्रो. लिप चेरियन, यूएसए के डॉ. जेम्स डेविड गेस्ट, प्रो जैक आई जेलो, डॉ. जोगी वी पतीसापू, डाॅ. रेंडल किस्नट, डॉ. शंकर गोपीनाथ, डॉ. शेकर एन करपड ने महत्वपूर्ण जानकारी दी।

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