पत्थर मजदूरों की हालत सुधारने के लिए दिल्ली में हुई श्रमिक संगठनों की बैठक।
Child Labour
आगरा. आगरा जनपद में पत्थर मजदूरों की हालत बहुत खराब है। इनका स्तर सुधारने के लिए दिल्ली में मंथन हुआ। संयुक्त मंच की मीटिंग में उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के संस्थापक तुलाराम शर्मा ने मजदूरों की पीड़ा सभी को बताई। इनके लिए कुछ स्कीम लाने का सुझाव भी उन्होंने सभी को दिया।
राष्ट्रीय स्तर पर चले अभियान पत्थर उद्योग में पत्थर श्रमिकों की समस्या के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पत्थर उद्योग गठबंधन का गठन हुआ। विभिन्न राज्यों के श्रम संगठन, समाज सेवी संस्थाएं, खदान मालिक और सरकार के अफसर इसमें शामिल हुए। पत्थर खदान श्रमिकों से संबंधित मुद्दों को उठाया गया। इनमें सिलोकोशिस रोग, सामाजिक सुरक्षा, बाल मजदूरी, बंधुआ श्रमिकों के अधिकरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। जिससे पत्थर खदान श्रमिकों को न्याय मिल सके।
दिल्ली में पत्थर मजदूरों का दर्द उठाया दिल्ली में हुई संयुक्त मंच की मीटिंग में उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के संस्थापक तुलाराम शर्मा ने प्रस्ताव रखा कि उत्तर प्रदेश के आगरा जिला में फतेहपुरसीकरी व तांतपुर में पत्थर श्रमिकों की स्थिति बहुत दयनीय होती जा रही है। वे बोले कि पत्थर श्रमिकों की मृत्यु 35 से 40 वर्ष की उम्र में ही हो जाती है। ये श्रमिक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। उनके पास स्वास्थ्य सुरक्षा के साधन नहीं है। उन्हें इस संबंध में जानकारी भी नहीं दी जाती है। न ही इनकी न्यूनतम वेतन दिया जाता है और न ही काम के कोई घंटे तय होते हैं।
बाल मजदूरों के लिए नहीं है शिक्षा तुलाराम शर्मा बोले कि बाल मजदूरों के लिए शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। एडवांस लेकर काम करने वाले मजदूर बंधुआ श्रमिकों की तरह काम करते हैं। इनके लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाए, जिससे पत्थर खदान श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार हो सके। मीटिंग की अध्यक्षता डॉ. आरसी खूटिया पूर्व सांसद इंटक के राष्ट्रीय अपाध्यक्ष ने की। मुख्य अतिथि डॉ. राजीव शर्मा थे। मीडिया प्रभारी पिंकी जैन ने बताया कि संचालन प्रेरणा प्रसाद ने किया। संयुक्त मंच की मीटिंग में जे जॉन पॉन कुमार, संजय सिंह, मुकेश कुमार गालिब आदि ने भी विचार रखे।