अन्तर्राष्ट्रीय लोधी महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील लोधी ने बताया कि सोशल मीडिया के साथ सड़क पर विरोध हो रहा
मोदी सरकार लाने जा रही सवर्ण आरक्षण, आप भी लेना चाहते हैं लाभ तो तैयार रखें ये डॉक्यूमेंट्स
आगरा। अन्तर्राष्ट्रीय लोधी महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील लोधी ने बताया कि सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण के विरोध में 19 जनवरी को देशव्यापी सांकेतिक हडताल की जा रही है। बिना किसी आयोग के, बिना सवर्णों की जरूरत के सरकार ने जल्दबाजी में जो आरक्षण दिया है, उसका देश में सभी वर्ग एक साथ सांकेतिक हडताल कर रहे हैं। हड़ताल अहिंसा परमोधर्म: पर आधारित है। सोशल मीडिया के साथ जिला कार्यालयों पर ज्ञापन दिये जाएंगे। मेल के माध्यम से प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। सरकार को संकेत दिया जायेगा कि दस प्रतिशत आरक्षण डॉ. आम्बेडकर के सिद्धांत के विरुद्ध है। सर्वसमाज किसी भी तरह मान्यता नहीं देगा। डॉ. आम्बेडकर ने आरक्षण बहुत सोच समझकर दिया था लेकिन, आजादी के 72 साल बाद भी हालात ज्यों के त्यों हैं।
कांग्रेस और मायावती ने भी विरोध नहीं किया सुनील लोधी कहते हैं कि हैरानी तब ओर हुई कि विरोधी कांग्रेस वोटिंग के लिऐ जानबूझकर ही दोनों सदनों में ही नहीं पहुंची। अखिलेश यादव ने विरोध में वक्तव्य भी जारी नहीं किया। जो जगह मुलायम सिंह यादव ने आरक्षण की बदौलत पाई थी, वह भी निकाल दी। आरक्षण की सीढ़ी पकडकर कांशीराम ने जो पौध रोपा, उसकी मुखिया को भी उन लोगों ने पिछड़े व दलित नेताओं को पीछे कर बहन मायावती को बंधक बना लिया। मायावती ने भी इसका विरोध नहीं किया।
लॉबी का खेल सुनील लोधी का कहना है कि यह सवर्ण गरीबों के लिए नहीं है। यदि गरीबों के लिए होता तो आठ लाख आमदनी रखने की क्या तुक थी। यह उस लॉबी का खेल है, जिनके बच्चे प्रतिभा के सहारे नहीं, आरक्षण के सहारे नौकरियों में जीवन व्यतीत करेंगे। जो मंत्रालयों में, बड़े बड़े कार्यालयों में मजे मार रहे हैं। यदि गरीब सवर्णों को आरक्षण देना था बीपीएल धारक को देते।