क्यों है हड़ताल
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Agra University) में 27 अक्टूबर से कर्मचारी हड़ताल हैं। शिक्षकों ने भी कर्मचारियों का साथ दिया है। शुरू में हड़ताल का मुख्य कारण था विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी पर हमला। हड़ताल के दौरान ही कुलपित डॉ. अरविन्द दीक्षित ने कर्मचारी संघ के अध्यक्ष का कार्यालय सील कर दिया। इसके बाद हड़ताल का रुख ही बदल गया। विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ का संबंध भारतीय मजदूर संघ से है। इसके चलते भारतीय मजदूर संघ भी हड़ताल में कूद गया है। संघ के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राणा ने कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि कुलपति वामपंथी विचारधारा के पोषक लगते हैं, इसी कारण कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। ताला लगा होने के कारण भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी का जन्मदिन नहीं मनाया जा सका। कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि जब तक कार्यालय की सील नहीं खोली जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Agra University) में 27 अक्टूबर से कर्मचारी हड़ताल हैं। शिक्षकों ने भी कर्मचारियों का साथ दिया है। शुरू में हड़ताल का मुख्य कारण था विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी पर हमला। हड़ताल के दौरान ही कुलपित डॉ. अरविन्द दीक्षित ने कर्मचारी संघ के अध्यक्ष का कार्यालय सील कर दिया। इसके बाद हड़ताल का रुख ही बदल गया। विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ का संबंध भारतीय मजदूर संघ से है। इसके चलते भारतीय मजदूर संघ भी हड़ताल में कूद गया है। संघ के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राणा ने कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि कुलपति वामपंथी विचारधारा के पोषक लगते हैं, इसी कारण कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। ताला लगा होने के कारण भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी का जन्मदिन नहीं मनाया जा सका। कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि जब तक कार्यालय की सील नहीं खोली जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
क्या है समस्या
हड़ताल का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। वैसे भी विश्वविद्यालय में कोई काम नहीं होता है, अब हड़ताल है तो हर काम पर पूर्ण विराम लग गया है। 18 नवम्बर को शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) है। इसके लिए मूल प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। ऑनलाइन अंकपत्र को सत्यापित कराया जाना है। घरों पर डिग्री भेजने का काम भी रुका हुआ है। विश्वविद्यालय में हड़ताल है तो कोई काम नहीं हो पा रहा है।
क जुलाई, 1927 को स्थापित आगरा विश्वविद्यालय की चाल एकदम बिगड़ी हुई है। 91 साल पुराने इस विश्वविद्यालय का वर्तमान नाम है- डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (DBRA Agra University) आगरा। विश्वविद्यालय से 1015 कॉलेज संबद्ध हैं। छह लाख से अधिक छात्रों के भविष्य का दारोमदार विश्वविद्यालय पर है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय को इसकी कोई चिन्ता नहीं है। पिछले 18 दिन से विश्वविद्यालय में हड़ताल चल रही है। सैकड़ों छात्र प्रतिदिन आ रहे हैं, लेकिन मायूस होकर लौट रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है।
हड़ताल का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। वैसे भी विश्वविद्यालय में कोई काम नहीं होता है, अब हड़ताल है तो हर काम पर पूर्ण विराम लग गया है। 18 नवम्बर को शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) है। इसके लिए मूल प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। ऑनलाइन अंकपत्र को सत्यापित कराया जाना है। घरों पर डिग्री भेजने का काम भी रुका हुआ है। विश्वविद्यालय में हड़ताल है तो कोई काम नहीं हो पा रहा है।
क जुलाई, 1927 को स्थापित आगरा विश्वविद्यालय की चाल एकदम बिगड़ी हुई है। 91 साल पुराने इस विश्वविद्यालय का वर्तमान नाम है- डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (DBRA Agra University) आगरा। विश्वविद्यालय से 1015 कॉलेज संबद्ध हैं। छह लाख से अधिक छात्रों के भविष्य का दारोमदार विश्वविद्यालय पर है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय को इसकी कोई चिन्ता नहीं है। पिछले 18 दिन से विश्वविद्यालय में हड़ताल चल रही है। सैकड़ों छात्र प्रतिदिन आ रहे हैं, लेकिन मायूस होकर लौट रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है।