ये दिया गया तर्क
ताज प्रदेश निर्माण समिति द्वारा दिये गये इस ज्ञापन में कहा गया कि क्षेत्र का विकास ताज प्रदेश बनने पर ही सम्भव है, वरना यह ऐसे ही पिछड़ा रहेगा। इतिहास का हवाला देते हुए कहा गया कि आगरा 150 साल तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रहा, इसके बाद अंग्रेजों ने आगरा प्रोविंस (प्रान्त) के नाम से स्टेट बनाया, उसकी भी राजधानी आगरा रहा। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के कारण यहां से राजधानी हट गई। यही हश्र आगरा हाईकोर्ट के साथ रहा। आगरा में वह सारी व्यवस्थायें हैं, जो एक राज्य की राजधानी होने के लिए चाहिए।
ताज प्रदेश निर्माण समिति द्वारा दिये गये इस ज्ञापन में कहा गया कि क्षेत्र का विकास ताज प्रदेश बनने पर ही सम्भव है, वरना यह ऐसे ही पिछड़ा रहेगा। इतिहास का हवाला देते हुए कहा गया कि आगरा 150 साल तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रहा, इसके बाद अंग्रेजों ने आगरा प्रोविंस (प्रान्त) के नाम से स्टेट बनाया, उसकी भी राजधानी आगरा रहा। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के कारण यहां से राजधानी हट गई। यही हश्र आगरा हाईकोर्ट के साथ रहा। आगरा में वह सारी व्यवस्थायें हैं, जो एक राज्य की राजधानी होने के लिए चाहिए।
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लिया गया ये संकल्प
धरना स्थल पर यह संकल्प लिया गया कि जब तक ताज प्रदेश नहीं बन जाता, समिति का आन्दोलन जारी रहेगा। धरना स्थल पर शरद कुमार लवानियां, दिनेश कुमार वर्मा ‘सारथी’, डॉ. सुरेन्द्र सिंह, जुगेन्द्र सिंह चाहर, डॉ. योगेन्द्र सिंह, राजीव वर्मा, नीलिमा पचौरी, पवन उपाध्याय, हरवीर सिंह, फूलसिंह, मनोज गुप्ता, प्रकाश आदि उपस्थित रहे।
लिया गया ये संकल्प
धरना स्थल पर यह संकल्प लिया गया कि जब तक ताज प्रदेश नहीं बन जाता, समिति का आन्दोलन जारी रहेगा। धरना स्थल पर शरद कुमार लवानियां, दिनेश कुमार वर्मा ‘सारथी’, डॉ. सुरेन्द्र सिंह, जुगेन्द्र सिंह चाहर, डॉ. योगेन्द्र सिंह, राजीव वर्मा, नीलिमा पचौरी, पवन उपाध्याय, हरवीर सिंह, फूलसिंह, मनोज गुप्ता, प्रकाश आदि उपस्थित रहे।