संसद में बिल लाए सरकार
दलितों की लड़ाई कोर्ट के माध्यम से लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश चंद सोनी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश दलित समाज के लिए अच्छा नहीं है। हमने तय किय है कि दलित समाज के सभी लोग एकत्रित होकर शांतिपूर्ण तरीके से बड़ा आंदोलन करेंगे। सरकार को मजूबर करेंगे कि वह अधिनियम में संशोधन के लिए बिल लेकर आए और नौवीं अनुसूची में रखें ताकि कानून या अदालत का दखल न हो। सुप्रीम कोर्ट ने एससीएसटी एक्ट को लेकर भी इसी तरह का आदेश दिया था, उसे भी सरकार ने संसद में बिल लाकर बदला है।
दलितों की लड़ाई कोर्ट के माध्यम से लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश चंद सोनी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश दलित समाज के लिए अच्छा नहीं है। हमने तय किय है कि दलित समाज के सभी लोग एकत्रित होकर शांतिपूर्ण तरीके से बड़ा आंदोलन करेंगे। सरकार को मजूबर करेंगे कि वह अधिनियम में संशोधन के लिए बिल लेकर आए और नौवीं अनुसूची में रखें ताकि कानून या अदालत का दखल न हो। सुप्रीम कोर्ट ने एससीएसटी एक्ट को लेकर भी इसी तरह का आदेश दिया था, उसे भी सरकार ने संसद में बिल लाकर बदला है।
कानूनी लड़ाई लड़ेगे
जाटव समाज उत्थान समिति के बंगाली बाबू सोनी का कहना है कि सही बात तो यह है कि इस समय इस तरह का माहौल पैदा कर दिया है कि अनुसूचित जाति वालों को दबाओ। प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है लेकिन अभी कुछ ही लोगों को मिल पाया है। हमारा सुप्रीम कोर्ट के प्रति पूरा सम्मान है, लेकिन वास्तविकता यह है कि मन के अंदर जो भावना होती है, वह इंगित करती है क्या चाहते हैं। कानून का सहारा लेकर हम लोगो 50 तरीके से मदद कर सकते हैं और 100 तरह से मदद रोक सकते हैं। यह सब मंशा पर निर्भर करता है। एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ फैसला देने वाले जज को चेयरमैन बना दिया गया है। इसका मतलब था कि सरकार की इच्छा के अनुरूप फैसला दिया था। बाद में सरकार ने अध्यादेश लाकर दलितों की हितैषी होने का दिखावा किया। देश में खराब व्यवस्था होती जा रही है। दुख की बात है। हम कानूनी लड़ाई लड़ेगे।
जाटव समाज उत्थान समिति के बंगाली बाबू सोनी का कहना है कि सही बात तो यह है कि इस समय इस तरह का माहौल पैदा कर दिया है कि अनुसूचित जाति वालों को दबाओ। प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है लेकिन अभी कुछ ही लोगों को मिल पाया है। हमारा सुप्रीम कोर्ट के प्रति पूरा सम्मान है, लेकिन वास्तविकता यह है कि मन के अंदर जो भावना होती है, वह इंगित करती है क्या चाहते हैं। कानून का सहारा लेकर हम लोगो 50 तरीके से मदद कर सकते हैं और 100 तरह से मदद रोक सकते हैं। यह सब मंशा पर निर्भर करता है। एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ फैसला देने वाले जज को चेयरमैन बना दिया गया है। इसका मतलब था कि सरकार की इच्छा के अनुरूप फैसला दिया था। बाद में सरकार ने अध्यादेश लाकर दलितों की हितैषी होने का दिखावा किया। देश में खराब व्यवस्था होती जा रही है। दुख की बात है। हम कानूनी लड़ाई लड़ेगे।
आदेश का विरोध करे सरकार
बसपा नेता अनिल सोनी का कहना है कि दलितों के अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट का पूरा सम्मान है, लेकिन यह आदेश स्वीकार नहीं है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह नई याचिका प्रस्तुत कर इस आदेश की मुखालफत करे।
बसपा नेता अनिल सोनी का कहना है कि दलितों के अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट का पूरा सम्मान है, लेकिन यह आदेश स्वीकार नहीं है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह नई याचिका प्रस्तुत कर इस आदेश की मुखालफत करे।
सरकार ठीक कर देगी सब
जाटव समाज उत्थान समिति के संयोजक देवकी नंदन सोन का कहना है कि सरकार कोर्ट में पुनः अपील करे और आदेश को बदलवाए। प्रमोशन में आरक्षण होना चाहिए। जिसकी सरकार होती है, उसकी जिम्मेदारी है कि सभी समुदायों को बराबर लाने के लिए काम करे। हमरी सरकार इसके लिए पहल कर रही है। आरक्षण पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी लेकिन संसद ने रद्द कर दिया। हमें विश्वास है कि इस मामले में भी कुछ ऐसा ही होगा।
जाटव समाज उत्थान समिति के संयोजक देवकी नंदन सोन का कहना है कि सरकार कोर्ट में पुनः अपील करे और आदेश को बदलवाए। प्रमोशन में आरक्षण होना चाहिए। जिसकी सरकार होती है, उसकी जिम्मेदारी है कि सभी समुदायों को बराबर लाने के लिए काम करे। हमरी सरकार इसके लिए पहल कर रही है। आरक्षण पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी लेकिन संसद ने रद्द कर दिया। हमें विश्वास है कि इस मामले में भी कुछ ऐसा ही होगा।
प्रतिभाओं के सम्मान का मार्ग प्रशस्त भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता केके भारद्वाज का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सराहनीय फैसला दिया है। इससे प्रतिभाओं को गला नहीं घोटा जा सकेगा। कोर्ट ने प्रतिभाओं के सम्मान का मार्ग प्रशस्त किया है। इस फैसले ने सबका साथ सबका विकास पर मुहर लगा दी है। प्रमोशन में आरक्षण का तो हर कोई विरोधी है। अनुसूचित जाति के तमाम लोग विरोध करते हैं। कुछ ही लोग प्रमोशन में आरक्षण चाहते हें।