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मिट्टी से चमकाया जा रहा ताजमहल

locationआगराPublished: Oct 13, 2017 05:32:26 pm

ताजमहल की चमक लौटाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मडपैक (मुल्तानी मिट्टी से उपचार) कर ताज की सफेदी को वापस लाने की कोशिशों में जुट हुआ है।

Tajmahal

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आगरा। मोहब्बत की निशानी और दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को मिट्टी से चमकाया जा रहा है। यह कार्य सितम्बर 2015 से किया जा रहा है। प्रदूषण से सफेद ताजमहल काला होता जा रहा है, उसकी चमक लौटाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मडपैक (मुल्तानी मिट्टी से उपचार) कर ताज की सफेदी को वापस लाने की कोशिशों में जुट हुआ है।
अंतिम चरण में चल रहा कार्य
ताजमहल को चमकाने का यह काम अंतिम चरण में चल रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण रसायन शाखा के पुरातत्व रसायनिज्ञ एमके भटनागर ने बताया कि ये काम अंतिम चरण में चल रहा है। मुख्य गुम्बद पर कार्य अगले वर्ष होगा, क्योंकि इस माह से पर्यटन सीजन शुरू हो जाता है। ताजमहल का दीदार करने की हसरत लेकर आने वाले पर्यटकों को ताज की सुंदरता का दीदार हो सके, इसकी वजह से अब ये कार्य ताज के पीछे यमुना की ओर शुरू किया जा रहा है। आॅफ सीजन में आगे के हिस्से में बचा हुआ कार्य पूरा किया जाएगा।

यहां हो चुका है काम
डेढ़ साल में ताज की उत्तर-पूर्वी, उत्तर-पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी मीनार को चमकाया जा चुका है। अब मुख्य मकबरे के फ्रंट (दलसजम दिशा) को छोड़कर पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी भाग में मडपैक किया जा चुका है। इसमें उत्तरी भाग में स्थित मुख्य आर्च को अभी सैलानियों की सुविधा के चलते छोड़ दिया गया है। मुल्तानी मिटटी से सफाई एएसआई की ऑफ़ सीजन में यहां मडपैक करने की तैयारी है। इसके साथ ही मुख्य गुम्बद पर भी मडपैक किया जाना है। इसमें काफी लंबा समय लगेगा। पूरे गुम्बद को पाड़ बांधकर कवर किया जाएगा। इससे ताज का व्यू खराब होगा।
ताज पर तीन बार हो चुका ट्रीटमेंट
विश्वदाय स्मारक ताजमहल की संगमरमरी काया को तीन बार मुल्तानी मिट्टी से चमकाया जा चुका है। ताज में सबसे पहले वर्ष 1994 में ये ट्रीटमेंट किया गया था। इसके बाद वर्ष 2000-01 और अंतिम बार फरवरी 2008 में ताज का मडपैक ट्रीटमेंट हुआ था।
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