मिर्च की फसल हो गई नष्ट
गांव महुअर के रहने वाले किसान नोहबत सिंह कुशवाह ने बताया है कि उन्होंने गांव रसूलपुर में 13 हजार रुपए बीघा के हिसाब से 6 बीघा खेत भेज पर लिया था। जिसमें उन्होने मिर्च की फसल की थी। कर्ज लेकर 3 लाख 60 हजार रुपए की लागत लगाई थी। बारिश हो जाने के कारण उनकी मिर्च की फसल खराब हो गई। अब उन्हें मिर्च के खेत में जुताई करनी पड़ेगी। फसल खराब होने के कारण वह बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार नुकसान का मुआवजा भी देगी तो वह खेत स्वामी के बैंक खाते में जाएगा। इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा।
गांव महुअर के रहने वाले किसान नोहबत सिंह कुशवाह ने बताया है कि उन्होंने गांव रसूलपुर में 13 हजार रुपए बीघा के हिसाब से 6 बीघा खेत भेज पर लिया था। जिसमें उन्होने मिर्च की फसल की थी। कर्ज लेकर 3 लाख 60 हजार रुपए की लागत लगाई थी। बारिश हो जाने के कारण उनकी मिर्च की फसल खराब हो गई। अब उन्हें मिर्च के खेत में जुताई करनी पड़ेगी। फसल खराब होने के कारण वह बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार नुकसान का मुआवजा भी देगी तो वह खेत स्वामी के बैंक खाते में जाएगा। इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा।
मेहनत के बाद भी खराब हो गई फसल
वहीं गांव महुअर निवासी जग्गो ने बताया है कि उन्होंने अपने खेत में डेढ़ बीघा मिर्च की फसल की थी। जिसमें उन्होंने 20 हजार रुपए की लागत लगाई थी। इसके अलावा खूब मेहनत की, लेकिन बारिश कारण पूरी फसल खराब हो गई, जिससे वह बर्बाद हो गए है। उन्होंने मुआवजे की मांग की है।
वहीं गांव महुअर निवासी जग्गो ने बताया है कि उन्होंने अपने खेत में डेढ़ बीघा मिर्च की फसल की थी। जिसमें उन्होंने 20 हजार रुपए की लागत लगाई थी। इसके अलावा खूब मेहनत की, लेकिन बारिश कारण पूरी फसल खराब हो गई, जिससे वह बर्बाद हो गए है। उन्होंने मुआवजे की मांग की है।
बारिश ने खराब कर दी टमाटर की फसल
गांव महुअर के निवासी बाबुददीन ने पत्रिका टीम से बात करते हुए बताया कि उसने 14 हजार रुपए में एक बीघा खेत भेज पर लिया था। खेत में उन्होने टमाटर की फसल की थी। जिसमें बाबुददीन ने 40 हजार रुपए की लागत लगाई थी, लेकिन बारिश के कारण फसल में खराब हो गई। उसका घर बिकने की नौबत आ गई है। सरकार से मदद मिल जाए तो बहुत अच्छा रहेगा। इससे वह अपना कर्ज चुका देगा।
गांव महुअर के निवासी बाबुददीन ने पत्रिका टीम से बात करते हुए बताया कि उसने 14 हजार रुपए में एक बीघा खेत भेज पर लिया था। खेत में उन्होने टमाटर की फसल की थी। जिसमें बाबुददीन ने 40 हजार रुपए की लागत लगाई थी, लेकिन बारिश के कारण फसल में खराब हो गई। उसका घर बिकने की नौबत आ गई है। सरकार से मदद मिल जाए तो बहुत अच्छा रहेगा। इससे वह अपना कर्ज चुका देगा।
कर्ज लेकर लगाई लागत
वहीं गांव महुअर के रहने वाले श्याम सुन्दर ने बताया है कि उसने अपने 2 बीघा खेत में टमाटर की फसल की थी, जोकि बारिश के कारण खराब हो गई है। उसने बताया है कि फसल में कर्ज लेकर 30 हजार रुपए की लागत लगाई थी। फसल खराब होने के कारण वह बर्बाद हो गया है।
वहीं गांव महुअर के रहने वाले श्याम सुन्दर ने बताया है कि उसने अपने 2 बीघा खेत में टमाटर की फसल की थी, जोकि बारिश के कारण खराब हो गई है। उसने बताया है कि फसल में कर्ज लेकर 30 हजार रुपए की लागत लगाई थी। फसल खराब होने के कारण वह बर्बाद हो गया है।
ये बोले लेखपाल
पत्रिका टीम ने बारिश के कारण गांव महुअर के किसानों की फसल खराब होने के सबंध में लेखपाल राजेन्द्र सिंह से बात की। लेखपाल ने बताया जल्द ही किसानों की फसल के नुकसान का आंकलन करेंगे। इसके बाद पीड़ित किसानों को सरकार से मुआवजा दिलाए जाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इनपुट: देवेश शर्मा
पत्रिका टीम ने बारिश के कारण गांव महुअर के किसानों की फसल खराब होने के सबंध में लेखपाल राजेन्द्र सिंह से बात की। लेखपाल ने बताया जल्द ही किसानों की फसल के नुकसान का आंकलन करेंगे। इसके बाद पीड़ित किसानों को सरकार से मुआवजा दिलाए जाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इनपुट: देवेश शर्मा