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Union Budget 2020: पर्यटन के लिहाज से आगरा, मथुरा, अयोध्या और वाराणसी जैसे शहर रहे उपेक्षित

locationआगराPublished: Feb 01, 2020 02:03:16 pm

Submitted by:

suchita mishra

 
– विश्व में आगरा से भारत की पहचान लेकिन आम बजट 2020 में इसके लिए कुछ भी नहीं।- पर्यटन व्यवसायी निर्मला सीतारमण के बजट से खासे निराश हैं।

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आगरा। पूरी दुनिया में भारत की पहचान ताजमहल से है। ताजमहल के कारण आगरा जैसे शहर को दुनियाभर में जाना जाता है। इसके बाद भी आज के आम बजट 2020 (Union Budget 2020) में आगरा को उपेक्षित छोड़ दिया गया है। ये वाकई हैरान करने वाली बात है। ये कहना है नेशनल चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष और पर्यटन व्यवसायी राजीव तिवारी का। बजट 2020 पर बात करते समय राजीव तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया पत्रिका के साथ साझा की।
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केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में पर्यटन नहीं
राजीव तिवारी ने कहा कि बात सिर्फ आगरा की ही नहीं है। उत्तर प्रदेश के मथुरा, अयोध्या और वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों को भी इस बजट से कुछ नहीं मिला। ये वाकई हैरान करने वाली बात है। इसको देखकर पर्यटक व्यवसायी के अंदर निराशा होना लाजमी है। इससे जाहिर होता है कि केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में मानो पर्यटन है ही नहीं। जबकि पर्यटन क्षेत्र से रोजगार और विदेशी मुद्रा मिलती है। 2500 करोड़ रुपये में उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों के आसपास भी ठीक से विकास नहीं हो सकता है। देखा जाए तो पहलं की तुलना में विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आई है। लेकिन इनकी संख्या बढा़ने के लिए कोई योजना नहीं है।
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अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा तक नहीं
वैश्विक पटल पर पहचान रखने वाले आगरा शहर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मांग लम्बे समय से की जा रही है। इसके लिए बजट में कुछ भी नहीं है। सीधी हवाई सेवा न होने के कारण आगरा को काफी नुकसान होता है।
प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं
होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा, सचिव अवनीश शिरोमणि और सुरेश खन्ना ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के लिए कौशल विकास योजना के तहत केन्द्र आगरा में स्थापित होना चाहिए। लेकिन सरकार ने इस बारे में नहीं सोचा। पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की हर स्तर पर कमी है।
स्वदेशी पर्यटकों का ध्यान नहीं
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि लघु होटलों के लिए कोई रियायत नहीं दी गई है। हर स्तर पर समस्या हो रही है। सरकार को विदेशी पर्यटकों से अधिक स्वदेशी पर्यटक राजस्व देते हैं। उनका किसी भी स्तर पर ध्यान नहीं रखा गया है।
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