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आगरा

शहर से युवाओं का हो रहा पलायन, उद्योगों के खात्मे की रची जा रही साजिश

टीटीजेड विजन डॉक्यूमेंट ड्राफ्ट के खिलाफ एकजुट शहर के उद्यमी व व्यवसायी

आगराSep 20, 2018 / 12:55 pm

अभिषेक सक्सेना

Taj mahal

Taj mahal

आगरा। ताज फल फूल रहा है लेकिन, शहर के युवा पलायन कर रहे हैं। उद्योगों को खत्म करने की साजिश की जा रही है। जबकि यमुना सीधे गिरते नाले, एक बारिश में हर साल उखड़ने वाली सड़के, ट्रैफिक बेरोक-टोक प्रदूषण फैला रहे हैं। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब ताज नगरी भूतिया शहर में तब्दील हो जाएगी। उद्योग धंधे बंद हुए तो शहर के लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। शहरवासियों को ऐसा ताज नहीं चाहिए जो लोगों के पेट को रोटी के लिए मोहताज कर दे। कुछ ऐसी ही पीड़ा साथ लिए हुए शहर के 20 औद्योगिक व व्यवसायिक संगठन के हजारों सदस्य पर्यावरण उद्योग व रोजगार संरक्षण समिति के संयोजक राकेश गर्ग व राजीव मित्तल के नेतृत्व में टीटीजेड विजन डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
उद्योग बचाने के लिए ज्ञापन दिया
प्रधानमंत्री के नाम संबोधिक ज्ञापन समिति के सदस्यों ने सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया व एडीएम सिटी को सौंपा। सांसद रामशंकर कठेरिया ने उनकी आवाज ऊपर तक पहुंचाने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह हमेशा शहर के विकास के हित में लोगों के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने हर सम्भव सहयोग का प्रयास दिलाया।
याचिका को लिया आड़े हाथ
पूर्व विधायक केशो मेहरा ने कहा कि एमसी मेहता व उनकी याचिका को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यह माना था कि देश के विकास के लिए डस्ट्रीयल ग्रोथ जरूरी है। जब 1996 से की प्रदूषणकारी उद्योग ताजनगरी में लगा ही नहीं और 2001 से कोयले की जगह गैस का प्रयोग शुरू हो गया तो फिर प्रदूषण उद्योग कैसे फैला रहे हैं?
नेशनल चैंबर ने कहा आंदोलन करेंगे
नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष राजीव तिवारी ने कहा कि आज 20 अधिक संस्थाएं शहर के गैर प्रदूषणकारी उद्योगों को बचाने के लिए एकजुट हुई हैं। उद्देश्य पूरा न होने तक लड़ाई जारी रहेगी। जरूरत पड़ी तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।

पर्यावरणविद उमेश शर्मा ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए यह जरूरी नहीं कि उद्योगों को बंद किया जाए। तकनीकि तरीके से प्लानिंग की जाए तो दोनों काम एक साथ हो सकते हैं। उद्योगपति केसी जैन ने कहा कि उद्योग नहीं होंगे तो शहर के युवाओं को रोजगार भी नहीं मिलेगा। कोई उद्योग वायु प्रदूषण नहीं फैला रहा है। यह बात कई सर्वे में स्पष्ट हो चुकी है। पारस अग्रवाल ने कहा कि आॅटो मोबाइल उद्योग से जुड़े 30 हजार परिवार बेरोजगार हो जाएंगे। सरकार उद्योगों को खत्म करने के बजाय रिंग रोड, सीवेज, बाईपास जैसी समस्याओं पर ध्यान दे। रजत अस्थाना ने कहा कि आगरा खतरे में है। उद्योग बंद हो गए तो ताज नगरी भूतिया शहर हो जाएगा। ताज सभी को प्यारा है। लेकिन बिना उद्योग के कोई देश तरक्की नहीं कर सकता।

इन संगठनों ने लिया भाग
लघु उद्योग भारती, यूपी डीजल इंजन मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती मथुरा, इंजीनियरिंग कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन, फैक्ट्री ऑनर एसोसिएशन नुनिहाई, आगरा ऑटोमोबाइल्स डीलर एसोसिएशन, एक्सपोर्ट प्रमोशन इंडस्ट्रियल पार्क, आगरा मार्बल एसोसिएशन, आगरा ट्यूरिस्ट वेलफेयर चैम्बर, संजय प्लेस कम्प्यूटर एसोसिएशन, नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, आगरा आयरल फाउंड्रीज एसोसिएशन, आगरा कोल्ड स्टोरेज ऑनर्स एसो, आगरा फुटवेयरमेन्युफेक्चर्स एंड एक्सपोर्टरस चैम्बर, रेडिको, सिकन्दरा फैक्ट्री ऑनर्स एसो, फाउंड्री नगर उद्योग संघ, होटल एंड रेस्टोरेन्ट ऑनर्स एसो, एसो चेम, क्रेडाई व आगरा व्यापार मंडल।
ये रहे मौजूद
समिति के संयोजक राकेश गर्ग, राजीव तिवारी, अमर मित्तल, केशो मेहरा, राजेश गोयल, अशोक गोयल, सुनील, भुवेश अग्रवाल, राजीव बंसल, केसी जैन, उमेश शर्मा, विजय गुप्ता, गिरीश अग्रवाल, रजत अस्थाना, पारस अग्रवाल, अतुल गुप्ता, रमेश वाधवा, डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, नजीर अहमद आदि मौजूद थे।
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