फिरोजाबाद जिले के टूंडला क्षेत्र के गांव टीकरी निवासी रुचि और अनुष्का यादव आगरा के नगला हवेली क्षेत्र स्थित एक मकान में किराये पर रहती हैं। रुचि बीएड और अनुष्का बीएससी की छात्रा है। रुचि ने अपने कानों के सोने के कुंडल और लौंग को कागज की पुड़िया में लपेटकर बेड पर तकिया के नीचे रख दिया था। वह कॉलेज चली गई थी। रुचि के जाने के बाद अनुष्का ने कमरे की साफ-सफाई की। अनजाने में कूड़े के साथ आभूषण की पुड़िया को भी प्लास्टिक की थैली में डाल दिया। बाद में कूड़ा लेने आई नगर निगम की गाड़ी में पॉलीथिन डाल दी। रुचि जब कॉलेज से वापस आई, तो अपनी आभूषण ढूंढने लगी। इस पर अनुष्का ने कागज की पुड़िया को कूड़े में फेंकने की जानकारी दी।
दोनों बहनों ने खंगाला कूड़ा
जब उसे पता चला कि पुड़िया में सोने के कुंडल और लौंग थी, तो उसके होश उड़ गए। दोनों बहनें उस कचरा वाहन को ढूढ़ने लगीं। पड़ोसियों की मदद से कचरा वाहन का पता लगाया। दोनों ने मिलकर डंपिंग यार्ड में करीब 50 टन कचरा खंगाला। छह घंटे की मशक्कत के बाद उनकी मेहनत रंग लाई। उन्हें खोए आभूषण मिल गए। इसके दोनों बहनों के चेहरों पर खुशी लौटी।
जब उसे पता चला कि पुड़िया में सोने के कुंडल और लौंग थी, तो उसके होश उड़ गए। दोनों बहनें उस कचरा वाहन को ढूढ़ने लगीं। पड़ोसियों की मदद से कचरा वाहन का पता लगाया। दोनों ने मिलकर डंपिंग यार्ड में करीब 50 टन कचरा खंगाला। छह घंटे की मशक्कत के बाद उनकी मेहनत रंग लाई। उन्हें खोए आभूषण मिल गए। इसके दोनों बहनों के चेहरों पर खुशी लौटी।