एफमेक अध्यक्ष पूरन डाबर ने बताया कि इस बजट में जूता उद्योग को वाणिज्य मंत्रालय की जगह टेक्सटाइल मंत्रालय में शामिल किया जाए, साथ ही उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजना की घोषणा हो ताकि शहर के इस मात्र एक बड़े उद्योग को संजीवनी मिल सके। आगरा को टीटीजेड की व्हाइट कैटेगिरी में शामिल करने से उद्योगों का विस्तार रुका है, इसलिय यहां नए और प्रदूषण रहित उद्योगों को बढ़ावा मिले। रेडीमेड गारमेंट का उत्पादन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। उम्मीद है इस ओर वित्तमंत्री जरूर सोचेंगे।
1. फतेहपुर सीकरी रोड पर महुअर पुल के पास बने लेदर पार्क की जल्द शुरुआत हो।
2. बाजार की अस्थिरता से निपटने को विशेष प्रोत्साहन योजना लाई जाए।
3. फंड की उपलब्धता के साथ टैक्स में रियायत मिले।
4. छोटी इकाइयों को मिले हैंडीक्राफ्ट या कुटीर उद्योग का दर्जा।
5. नोटबंदी जीएसटी के बाद बढ़े बेरोजगारी खत्म करने को उठें कदम।
6. ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था को दुरुस्त करने पर जोर दिया जाए।
7. ब्रांडेड से अलग स्थानीय जूते को भी विशेष रियायत की आवश्यकता है।
8. जूता मंडी में व्यापार करने वाले जूता निर्माताओं को भी लाभ मिले।
9. शहर को स्पेशल इकॉनमिक जोन का दर्जा मिले।
10. टीटीजेड एनजीटी की सख्ती से मिले राहत।