1. अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनीतिज्ञ थे। लेकिन वे एक बहुत अच्छे कवि भी थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि वे राजनेता नहीं बल्कि कवि बनना चाहते थे।
2. अटल खाने पीने के शौकीन थे, साथ ही उन्हें खाना बनाना भी अच्छा लगता था। जब भी उनका दिल करता था वे स्वयं किचेन में जाकर खाना बनाया करते थे। अटल का मथुरा से गहरा नाता था। जब भी वे मथुरा आते थे तो चौक बाजार के मूंग की दाल के पकौड़े जरूर खाते थे। जब भी मथुरा से कोई दिल्ली जा रहा होता तो उससे भी वे पकौड़े मंगवा लेते थे। उन्हें मथुरा के पेड़े भी काफी पसंद थे।
3. अटल बिहारी वाजपेयी आगरा की बेड़ई और जलेबी के दीवाने थे। वे जब आगरा आते थे तो खुद तो बेड़ई जलेबी खाते ही थे, साथ ही दूसरों को भी जबरन खिलाते थे। 4. वर्ष 1988 में आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था। तब अटल-आडवाणी का स्वागत जुलूस निकाला गया। दुकानों और घरों से जबर्दस्त पुष्पवर्षा हुई। इसके बाद अम्बेडकर पार्क, बिजलीघर में हुई सभा में अटल ने कहा था- भई, आगरा के लोग तो बहुत खतरनाक हैं। ये तो फूलों से घायल कर देते हैं। जरा बचके रहना।
5. वर्ष 1977 में जनता सरकार में विदेश मंत्री के पद पर रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में अपना पहला भाषण हिंदी में दिया था। इसके चलते भारत में उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ गई थी।
6. अटल बिहारी वाजपेयी ने कानून की पढ़ाई अपने पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज से की थी। उस समय दोनों एक ही हॉस्टल में एक ही कमरे में रहा करते थे। दोनों के बीच बाप बेटे से ज्यादा दोस्त का रिश्ता बन गया था।
7. अटल जी प्रधानमंत्री होने के साथ ही एक अच्छे सांसद भी थे। वे लोकसभा में 9 बार और राज्य सभा में दो बार चुने गए।