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गुरुवार के व्रत के हैं अनगिनत फायदे, ज्योतिषाचार्य से जानिए व्रत व पूजन की संपूर्ण विधि

locationआगराPublished: May 29, 2019 05:31:27 pm

Submitted by:

suchita mishra

व्रत का लाभ लेने के लिए व्रत के नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

lord vishnu

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गुरुवार को जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन यदि विधि विधान से भगवान विष्णु का व्रत व पूजन किया जाए तो कुंडली में गुरू ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। इससे परिवार में सुख संपन्नता आती है। कुंवारी कन्याओं को मनभावन पति मिलता है। घर में धन की कमी नहीं रहती। नि:संतान दंपति को पुत्र की प्राप्ति होती है। नौकरी की ढूंढ रहे हैं तो उच्च श्रेणी की नौकरी मिलती है। लेकिन ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि इस व्रत के अनगिनत फायदे हैं, लेकिन इसका लाभ लेने के लिए व्रत के नियमों का पालन करना जरूरी होता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानिए व्रत व पूजन की संपूर्ण विधि।
ये है व्रत की पूजन विधि
गुरूवार के दिन अपने नित्य क्रिया से निवृत्त होने के बाद प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा बृहस्पति देव के रूप में करनी चाहिए। पूजन में पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी चढ़ाना चाहिए। कथा पढ़ते और पूजन के समय सच्चे मन से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। बृहस्पतिवार के व्रत में केले के पेड़ की पूजा करना जरूरी होता है। जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए और केले की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाएं। इसके पास ही दीपक जलाकर पेड़ की आरती करें। गुरूवार के व्रत में दिन में एक समय ही भोजन करना चाहिए। पूजा करने के बाद भगवान बृहस्पति की कथा पढ़नी अथवा सुननी चाहिए।
ये काम करना वर्जित
1. भगवान को केले चढ़ाएं लेकिन खाएं नहीं।
2. गुरूवार के दिन धोबी के यहां कपड़ा नहीं देना चाहिए।
3. घर के किसी भी सदस्य को इस दिन दाढ़ी नहीं बनाना चाहिए, नाखून नहीं काटने चाहिए और न ही नाई के पास जाना चाहिए।
4. स्नान करते समय केश नहीं धोना चाहिए।
5. स्नान करते समय साबुन का प्रयोग न करे।
6. इस दिन शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए।
7. इस दिन खाने में मांस तथा मदिरा नहीं खाना चाहिए।
ये काम जरूर करना चाहिए
1. व्रत में पूजा सूर्योदय के प्रथम दो घंटे में कर लेना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो पाए तो 12 बजे से पहले अवश्य कर लें।
2. इस दिन पीला वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए तथा पीला वस्त्र ही पहनना चाहिए।
3. इस दिन केले के वृक्ष की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
4. भगवान् विष्णु वा बृहस्पति प्रतिमा को पीले फूल, पीला चंदन, चने की दाल, गुड़, मुनक्का आदि से पूजा करनी चाहिए।
5. इस दिन सामर्थ्यानुसार ब्राह्मणों अथवा अशक्त लोगों को दान देना चाहिए।
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