बता दें कि आगरा प्रशासन को यूनेस्को के हेरिटेज सिटी के का दर्जा पाने के लिए तमाम कदम उठाने पड़ेंगे। इसके लिए 5500 से ज्यादा अवैध निर्माणों को ढहाना होगा। इनमें स्मारकों के प्रतिबंधित दायरे में करीब दो हजार अवैध निर्माण हैं। वहीं शहर के अन्य हिस्सों में इनकी संख्या 3500 है। मालूम हो कि अहमदाबाद नगर निगम ने हेरिटेज सिटी का दर्जा पाने के लिए वर्ष 2016 में प्रयास शुरू किए थे। इस बीच शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर में तमाम बदलाव किए थे। उसके बाद वर्ष 2017 में अहमदाबाद देश का पहला हेरिटेज सिटी बन पाया।
इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल को संरक्षित करने के मुद्दे पर गंभीरता बरतने और इसे व्यापक नजरिये से देखने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि ताज ट्रिपेजियम जोन में उद्योग चल रहे हैं, जिनसे प्रदूषण फैल रहा है। लिहाजा विजन डॉक्यूमेंट बनाते समय प्रदूषण, ग्रीन कवर को ध्यान रखना जरूरी है। कोर्ट ने नसीहत देते हुए कहा था कि अगर एक बार ताजमहल चला गया तो फिर मौका नहीं मिलेगा।