बघेल का गंभीर आरोप दरअसल आगरा से भाजपा सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के चेयरमैन रामशंकर कठेरिया और कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल के बीच अब खुल कर विवाद सामने आ गया है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब बीते दिनों केंद्रीयमंत्री नितिन ग़डकरी की सभा के दौरान सांसद कठेरिया ने कैबिनेटमंत्री एसपी सिंह बघेल और फतेहपुर सीकरी से भाजपा के ही अन्य सांसद चौधरी बाबूलाल का नाम नहीं लिया। अंदरखाने पार्टी में भी इसे कठेरिया द्वारा जानबूझकर अपमानित करने की चर्चा हुई। इसके बाद एसपी सिंह बघेल ने धनगर जाति प्रमाणपत्र जारी करने के सरकार के आदेश की जानकारी देते हुए एससी आयोग चेयरमैन पर पाल, बघेल समाज के साथ प्रमाणपत्र रोकने की साजिश करने और छल करने का आऱोप लगाया।
कठेरिया ने राकेश को लिया साथ वहीं सांसद कठेरिया ने एटा के जलेसर में पाल, बघेल, गड़रिया, धनगर समाज के सम्मेलन में मंत्री एसपी सिंह बघेल पर निशाना साधा। रामशंकर कठेरिया ने मंत्री के आरोपों का जवाब में कहा कि चुनाव से पहले ही धनगर प्रमाणपत्र जारी होंगे। साथ ही जिलापंचाय़त अध्यक्ष राकेश बघेल का साथ देने की बत कह कर समाज का शुभचिंतक होने का दावा किया। कठेरिया ने आरोप लगाया कि एसपी सिंह बघेल समाज का दूसरा नेता खड़ा नहीं होने देना चाहते, जबकि मैने राकेश बघेल को जिला पंचाय़त अध्यक्ष बनाने में मदद की
एसपी सिंह का पलटवार वहीं आगरा में एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान एसपी सिंह बघेल ने पटलटवार करते हुए कहा कि रामशंकर समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। बल्कि रामशंकर कठेरिया अनुसूचित समाज में अपना विकल्प नहीं पैदा होने देना चाहते। उन्ही (रामशंकर कठेरिया) की वजह से पूर्व मंत्री डॉ. रामबाबू हरित को भाजपा छोड़नी पड़ी, उसके बाद अंजुला माहौर और इंद्रजीत आर्य को पार्टी छोड़नी पड़ी।
लगभग सभी विधायक कर चुके हैं नाखुशी जाहिर बता दें कि रामशंकर कठेरिया के खिलाफ फतेहपुर सीकरी सांसद चौधरी बाबूलाल और उत्तर विधानसभा से विधाय़क जगन प्रसाद गर्ग पहले ही आवाज उठाते रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री मोदी की रैली के दौरान योजनाओं की शिलापट्टिका से विधायकों के नाम गायब होने को लेकर भी कठेरिया पर सवाल उठाए गए। लभभग सभी विधायक दबी जुबान कठेरिया के प्रति नाखुशी जाहिर कर चुके हैं। विधायकों ने इस संबंध में जिलाधिकारी से भी मुलाकात की थी। हालांकि कठेरिया ने कहा था कि मोदी की रैली में तो सबकुछ ऊपर से ही तय था।