लोग आजकल सोशल मीडिया पर बहुत अधिक सक्रिय रहते हैं। कोई भी खबर चाहे वो छोटी ही क्यों न हो आज के दौर में छुपती नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है। फेसबुक, व्हाट्सएप के जरिए लोगों में वीडियो और फोटोज वायरल कर दिए जाते हैं। कई बार देखने में मिला है कि पुलिस की नकारात्मकता वाली खबरों को लोग वायरल कर देते हैं। जबकि पुलिस की कार्यप्रणाली और कार्यशैली से लोग वाकिफ भी नहीं है। लोगों के बीच पुलिस की सकारात्मक कार्यों को पहुंचाने के लिए आगरा के एक सिपाही ने मुहिम छेड़ी है। कांस्टेबल सचिन कौशिक ने समाज में पुलिस की वर्तमान नकारात्मक छवि को सुधारने और साथ ही साथ अपने साथी पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए फेसबुक पर पुलिस छवि सुधार: एक मुहिम के नाम से पेज बनाकर पुलिस की छवि और जनता से दूरी को कम करने के लिए ये मुहिम छेड़ी है, जो लगातार असरकारक बनती जा रही है।
यदि नकारात्मक पर आप भर्त्सना, सकारात्मक पुलिस की प्रशंसा भी करें
सचिन कौशिक कहते हैं कि जनता में पुलिस के नकारात्मक कार्यों को ख़ूब कोसा जाता है। वही सकारात्मक कार्य आम जनता तक नहीं पहुंचते। यदि नकारात्मक पर आप भर्त्सना करते है तो लोगों को सकारात्मक कार्यों पर पुलिस की प्रशंसा भी करनी चाहिए। ताकि अच्छे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़े और अन्य पुलिसकर्मी भी प्रेरित हों। हम आप लोगों के बीच से ही आते है। दिन रात 24 घंटे आप लोगों के लिए मेहनत करते हैं, उसके बावजूद भी हमें जनता की उपेक्षा ही मिलती है। आप किसी एक की ग़लती पर पूरे पुलिस शब्द को ग़लत नहीं ठहरा सकते। एक परिवार के चार सदस्य एक जैसे नहीं होते और उनमें से एक के ग़लत कर देने से पूरे परिवार को ग़लत कहना बिलकुल भी न्यायोचित नहीं है। फेसबुक पर @upcopsachin टाइप कर इस पेज से जुड़ सकते है। सचिन कौशिक ने इसे ट्विटर पर भी शुरू किया है। सचिन कौशिक का कहना है कि आज समाज में जितने अच्छे और ईमानदार व्यक्ति हैं उतने ही पुलिस और अन्य विभागों में हैं, चूंकि हम भी यहीं से आते हैं। पुलिस को लाख गलियां देने वाला व्यक्ति भी जब किसी मुसीबत में फंसता है तो वी भी सबसे पहले पुलिस को ही याद करता है। ऐसी दोगली मानसिकता पर कभी कभी हंसी आती है। मैं तो ये मानता हूँ कि आप यदि नकारात्मक पर कोसते हैं तो फिर आपको सकारात्मकता पर उसकी प्रशंसा भी करनी चाहिए।
सचिन कौशिक कहते हैं कि जनता में पुलिस के नकारात्मक कार्यों को ख़ूब कोसा जाता है। वही सकारात्मक कार्य आम जनता तक नहीं पहुंचते। यदि नकारात्मक पर आप भर्त्सना करते है तो लोगों को सकारात्मक कार्यों पर पुलिस की प्रशंसा भी करनी चाहिए। ताकि अच्छे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़े और अन्य पुलिसकर्मी भी प्रेरित हों। हम आप लोगों के बीच से ही आते है। दिन रात 24 घंटे आप लोगों के लिए मेहनत करते हैं, उसके बावजूद भी हमें जनता की उपेक्षा ही मिलती है। आप किसी एक की ग़लती पर पूरे पुलिस शब्द को ग़लत नहीं ठहरा सकते। एक परिवार के चार सदस्य एक जैसे नहीं होते और उनमें से एक के ग़लत कर देने से पूरे परिवार को ग़लत कहना बिलकुल भी न्यायोचित नहीं है। फेसबुक पर @upcopsachin टाइप कर इस पेज से जुड़ सकते है। सचिन कौशिक ने इसे ट्विटर पर भी शुरू किया है। सचिन कौशिक का कहना है कि आज समाज में जितने अच्छे और ईमानदार व्यक्ति हैं उतने ही पुलिस और अन्य विभागों में हैं, चूंकि हम भी यहीं से आते हैं। पुलिस को लाख गलियां देने वाला व्यक्ति भी जब किसी मुसीबत में फंसता है तो वी भी सबसे पहले पुलिस को ही याद करता है। ऐसी दोगली मानसिकता पर कभी कभी हंसी आती है। मैं तो ये मानता हूँ कि आप यदि नकारात्मक पर कोसते हैं तो फिर आपको सकारात्मकता पर उसकी प्रशंसा भी करनी चाहिए।