पुलिस झूठा मुकदमा लिखाने पर वादी के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है। दुष्कर्म की कहानी झूठी साबित होने पर युवकों के परिजनों ने पुलिस अधिकारियों को धन्यवाद दिया। वहीं गांव के लोग अब किशोरी के परिजनों को भला-बुरा कह रहे हैं। उन्होंने पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।गौरतलब है कि तीन जनवरी को अछनेरा के एक गांव की रहने वाली किशोरी ने गांव के तीन युवकों पर ही गैंगरेप का आरोप लगाया था। पुलिस ने मुकद्मा दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी थी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में भी ले लिया था। युवकों से पूछताछ में जो सामने आया, उससे पुलिस को आरोप बेदम लगा। युवकों ने पुलिस को बताया कि किशोरी उन पर गलत आरोप लगा रही है। किशोरी ने गांव के योगेश, कन्हैया और एक अन्य युवक के खिलाफ आरोप लगाया था। इंसपेक्टर गिरीश गौतम ने बताया कि दोनों युवकों से जानकारी के बाद उनके बयानों को तस्दीक किया गया। वारदात के समय योगेश और कन्हैया ने खुद को जिस जगह मौजूद होना बताया, उस जगह के सीसीटीवी कैमरे में उनके वहां होने की सुबूत मिल गए।
इसके बाद पुलिस ने किशोरी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। उसने बताया कि परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी थी। वह शादी नहीं करना चाहती थी, इसलिए उसने गैंगरेप का ड्रामा रचा। वह सुसाइड करना चाहती थी, उसने उसने खुद के शरीर को जगह-जगह जलाया था। खेत में अपने कपड़े भी खुद ही जलाए थे। वह बाडे़ में छिपी हुई थी। वह भागने का मौका देख रही थी लेकिन बहन ने उसे देख लिया था। इसके बाद उसने गैंगरेप की झूठी कहानी रच दी और आरोप गांव के युवकों पर लगा दिया। अछनेरा पुलिस अब इस मुकदमे को खत्म कर रही है। युवकों के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उनके बेटों को जेल नहीं भेजा, क्योंकि पुलिस को पहले दिन से ही लगने लगा था कि कहानी में कुछ झोल है। पुलिस जल्दबाजी करती तो शायद निर्देष जेल में होते।