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Shiksha Mitra ने शुरू किया ऐसा Andolan, हिल जाएगी योगी सरकार, देखें वीडियो

locationआगराPublished: Aug 21, 2017 12:40:00 pm

UP Shiksha Mitra Satyagrah Andolan : योगी आदित्यनाथ सरकार मान ले शिक्षामित्रों की मांग, इसलिए शुरू किया गया सत्याग्रह आंदोलन।

UP Shiksha mitra

UP Shiksha mitra

Agra News – सुप्रीम कोर्ट से Shiksha Mitra Samayojan रद्द होने के बाद शिक्षामित्र ने बड़ा कदम उठाया है। योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रस्ताव पर ठोकर मारते हुए शिक्षामित्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। बीएसए कार्यालय आगरा में 21 शिक्षामित्रों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है। शिक्षामित्रों ने ऐलान किया है, कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती, ये अनशन जारी रहेगा, भले ही उनकी जान क्यों न चली जाए।
ये बोले UP Shiksha Mitra
शिक्षामित्र संघ के मीडिया प्रभारी रवि त्यागी ने बताया कि शिक्षामित्रों की मांग है, कि उनकी नौकरी उन्हें वापस दिलाई जाए। योगी सरकार ने 15 दिन का समय मांगा था, लेकिन 15 दिन बार योगी सरकार वादा खिलाफी कर रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षामित्रों के लिए ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया, जिससे उन्हें राहत मिल सके। योगी सरकार ने हमें धोखा दिया है, जिसके बाद आज से शिक्षामित्र शिक्षण कार्य नहीं करेंगे और वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि देश के लिए आजादी की लड़ाई भी सत्याग्रह से ही जीती गई थी, इसलिए अब शिक्षामित्र सत्याग्रह कर रहे हैं।
सड़क से संसद तक लड़ाई
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि जब तक सरकार मांग नहीं मानती हैं, तब तक शिक्षामित्र चुप नहीं बैठेंगे। शिक्षामित्र अंतिम सांस तक सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि आगरा की बात करें, तो यहां शिक्षामित्रों की संख्या तकरीबन 2700 से है। शिक्षामित्रों ने बताया कि सरकार उनकी रोजी रोटी इस तरह नहीं छीन सकती है। UP Shiksha Mitra Sangh के मीडिया प्रभारी रवि त्यागी ने बताया कि योगी सरकार को उनकी मांगें माननी ही होंगी।
ये रहे मौजूद
बीएसए कार्यालय के पास चल रहे इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से अशोक शर्मा, शिशुपाल चाहर, भूपेन्द्र शर्मा, रामप्रकाश लवानियां, नारायण दत्त उपाध्याय, सीपी तौमर, रामनिवास चाहर, करतार सिंह यादव, सत्यपाल पहलवान, माधवी सौलंकी, चंन्द्रजीत यादव, रानी शर्मा, रेनूबाला उपाध्याय, कृष्ण मुरारी, रैनू चौधरी, शालिनी पचौरी, साधना भदौरिया, रमा, आशा, विमलेश आदि उपस्थित रहीं।
ये रखी संगठन ने मांग
वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों की ओर से मांग रखी गई कि सुप्रीम कोर्ट को 25 जुलाई को जो समायोजन रद्द करने का आदेश दिया गया है, उसके बाद शिक्षामित्रों का भविष्य तय प्रदेश सरकार को करना है। किस रास्ते से शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया जाए, इसके लिए उपाय खोजे जाएं, जिससे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी न हो और शिक्षामित्र भी समान वेतन पा सकें।

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