शिक्षामित्र संघ के मीडिया प्रभारी रवि त्यागी ने बताया कि शिक्षामित्रों की मांग है, कि उनकी नौकरी उन्हें वापस दिलाई जाए। योगी सरकार ने 15 दिन का समय मांगा था, लेकिन 15 दिन बार योगी सरकार वादा खिलाफी कर रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षामित्रों के लिए ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया, जिससे उन्हें राहत मिल सके। योगी सरकार ने हमें धोखा दिया है, जिसके बाद आज से शिक्षामित्र शिक्षण कार्य नहीं करेंगे और वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि देश के लिए आजादी की लड़ाई भी सत्याग्रह से ही जीती गई थी, इसलिए अब शिक्षामित्र सत्याग्रह कर रहे हैं।
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि जब तक सरकार मांग नहीं मानती हैं, तब तक शिक्षामित्र चुप नहीं बैठेंगे। शिक्षामित्र अंतिम सांस तक सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि आगरा की बात करें, तो यहां शिक्षामित्रों की संख्या तकरीबन 2700 से है। शिक्षामित्रों ने बताया कि सरकार उनकी रोजी रोटी इस तरह नहीं छीन सकती है। UP Shiksha Mitra Sangh के मीडिया प्रभारी रवि त्यागी ने बताया कि योगी सरकार को उनकी मांगें माननी ही होंगी।
बीएसए कार्यालय के पास चल रहे इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से अशोक शर्मा, शिशुपाल चाहर, भूपेन्द्र शर्मा, रामप्रकाश लवानियां, नारायण दत्त उपाध्याय, सीपी तौमर, रामनिवास चाहर, करतार सिंह यादव, सत्यपाल पहलवान, माधवी सौलंकी, चंन्द्रजीत यादव, रानी शर्मा, रेनूबाला उपाध्याय, कृष्ण मुरारी, रैनू चौधरी, शालिनी पचौरी, साधना भदौरिया, रमा, आशा, विमलेश आदि उपस्थित रहीं।
वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों की ओर से मांग रखी गई कि सुप्रीम कोर्ट को 25 जुलाई को जो समायोजन रद्द करने का आदेश दिया गया है, उसके बाद शिक्षामित्रों का भविष्य तय प्रदेश सरकार को करना है। किस रास्ते से शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया जाए, इसके लिए उपाय खोजे जाएं, जिससे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी न हो और शिक्षामित्र भी समान वेतन पा सकें।