सफेद पाउडर को आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया
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आगरा। 12 जुलाई को लखनऊ विधानसभा में मिले सफेद पाउडर की जांच पर संशय पैदा हो रहे हैं। आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए जांच के सैंपल के परीक्षण पर योगी सरकार घिरी, तो मामला ही उल्टा कर दिया। पहले बात हुई कि जांच के लिए सफेद पाउडर को आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया है, लेकिन जब विधि विज्ञान प्रयोगशाला में इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की गई, तो मामला ही उलझ गया।
विस्फोटक नहीं था
सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि आगरा की विधि विज्ञान में दोबारा जांच के लिए भेजे गए सफेद पाउडर की रिपोर्ट में पीईटीएन का न होना माना जा रहा है। ये सारी रिपोर्ट गुप्त रखी गई हैं। यहां तक कि अब विधि विज्ञान प्रयोगशाला में आम आदमी का प्रवेश तक बंद कर दिया गया है। अधिकारियों में पीईटीएम की रिपोर्ट को लेकर इस कदर खौफ है कि वे कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। योगी सरकार का खौफ इस कदर व्याप्त है कि संयुक्त निदेशक अतुल कुमार मित्तल ने फोन तक रिसीव करना बंद कर दिया है।
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आंकलन नहीं कर सकी लैब
पहले बात की जा रही थी कि पीईटीएन पाउडर की हर जांच की परत आगरा की फोरेंसिक लैब में खुलेगी। बताया गया कि विधानसभा में मिले विस्फोटक पेंटा एरिथ्रेटाल ट्रेटा नाइट्रेट पीईटीएन के सैंपल आगरा की लैब में जांच के लिए भेजे गए। यहां विस्फोटक की कई पहलुओं पर जांच की जाएगी, इसकी केमिकल प्रोपर्टीज से लेकर विस्फोटक क्षमता का आकलन साइंटिस्ट की टीम करेगी। लेकिन अब सारे पहलू बदलते नजर आ रहे हैं। आगरा में अधिकारी इस बाबत कोई बात करने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक ये भी बताया जा रहा है कि सैंपल के परीक्षण की रिपोर्ट को भेजा जा चुका है, लेकिन जानकार मान रहे हैं कि इसकीजांच में दो से तीन दिन का समय लगता है। इस सम्बंध में संयुक्त निदेशक अतुल कुमार मित्तल ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
आतंकी इस्तेमाल करते हैं पीईटीएन
पीईटीएन गंध रहित पाउडर होता है, इसे आसानी से ले जाया जा सकता है, स्नीफर डॉग भी इसे नहीं सूंघ पाते हैं, इसलिए आसानी से ले जाया जा सकता है।
एटीएस और एनआईए कर रही जांच
आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमें इस मामले की जांच करने में जुट गई हैं। लेकिन अधिकारी पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं।