इतने हैं शिक्षामित्र
आगरा की बात करें, तो यहां पर 2 हजार 943 शिक्षामित्र हैं। इनमें से 500 से अधिक शिक्षामित्र पूर्व में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं, लेकिन राहत इनके लिए भी नहीं हैं। इन्हें भी इस परीक्षा में शामिल होना पड़ रहा है, कारण है कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा पास किए हुए पांच साल से अधिक का समय हो चुका है, इसलिए इन्हें दोबारा इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।
आगरा की बात करें, तो यहां पर 2 हजार 943 शिक्षामित्र हैं। इनमें से 500 से अधिक शिक्षामित्र पूर्व में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं, लेकिन राहत इनके लिए भी नहीं हैं। इन्हें भी इस परीक्षा में शामिल होना पड़ रहा है, कारण है कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा पास किए हुए पांच साल से अधिक का समय हो चुका है, इसलिए इन्हें दोबारा इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।
होगा भविष्य तय
15 अक्टूबर को होने वाली ये परीक्षा शिक्षामित्रों के भविष्य की दिशा और दशा तय करेगी। वे इस परीक्षा को मिशन की भांति ले रहे हैं और वे तैयारी में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि अगर इस बार शिक्षामित्र टीईटी परीक्षा पास नहीं कर पाए तो उनका भविष्य चौपट हो जाएगा। पूरे परिवार की किस्मत दांव पर है। इसलिए वे ऑनलाइन प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों से जुड़े हैं। परीक्षा के सिलेबस, प्रश्न और उत्तरों को लेकर एक-दूसरे से चर्चा कर रहे हैं। साथ ही शिक्षामित्रों द्वारा इस परीक्षा के लिए कोचिंग भी की जा रही है।
15 अक्टूबर को होने वाली ये परीक्षा शिक्षामित्रों के भविष्य की दिशा और दशा तय करेगी। वे इस परीक्षा को मिशन की भांति ले रहे हैं और वे तैयारी में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि अगर इस बार शिक्षामित्र टीईटी परीक्षा पास नहीं कर पाए तो उनका भविष्य चौपट हो जाएगा। पूरे परिवार की किस्मत दांव पर है। इसलिए वे ऑनलाइन प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों से जुड़े हैं। परीक्षा के सिलेबस, प्रश्न और उत्तरों को लेकर एक-दूसरे से चर्चा कर रहे हैं। साथ ही शिक्षामित्रों द्वारा इस परीक्षा के लिए कोचिंग भी की जा रही है।
इसके बाद होगी लड़ाई
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि यह परीक्षा पास करना आसान नहीं है। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों को पढ़ाई छोड़े दो दशक हो चुके हैं। कम आयु के अभ्यर्थियों से मुकाबला करना आसान नहीं है। जो नियमित तैयारी कर रहे हैं, उनके ही सफल होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। जैसा प्रदेश नेतृत्व ने तय किया है, इस परीक्षा के बाद दोबारा आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि यह परीक्षा पास करना आसान नहीं है। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों को पढ़ाई छोड़े दो दशक हो चुके हैं। कम आयु के अभ्यर्थियों से मुकाबला करना आसान नहीं है। जो नियमित तैयारी कर रहे हैं, उनके ही सफल होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। जैसा प्रदेश नेतृत्व ने तय किया है, इस परीक्षा के बाद दोबारा आंदोलन की तैयारी की जाएगी।