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पहले क्या स्थिति थी
अब जरा नजर डालते हैं दो जुलाई, 2018 को पोस्ट पर। इसपर 12 कमेंट और 100 लाइक हैं। दो जुलाई की ही एक अन्य पोस्ट पर 27 कमेंट हैं। 30 जून को डाली गई पोस्ट पर सिर्फ आठ कमेंट हैं। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि राज्यपाल बनने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ गई है।
पहले क्या स्थिति थी
अब जरा नजर डालते हैं दो जुलाई, 2018 को पोस्ट पर। इसपर 12 कमेंट और 100 लाइक हैं। दो जुलाई की ही एक अन्य पोस्ट पर 27 कमेंट हैं। 30 जून को डाली गई पोस्ट पर सिर्फ आठ कमेंट हैं। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि राज्यपाल बनने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ गई है।
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बधाई देने घर पहुंचे लोग बता दें कि 21 अगस्त की शाम को बेबीरानी मौर्य को उत्तराखंड की राज्यपाल बनाए जाने का आदेश जारी हुआ था। उस समय वे अपने पति पूर्व बैंक अधिकारी प्रदीप मौर्य के साथ अमेरिका में थीं। उन्होंने फोन पर अपनी सास को आगरा में शुभ समाचार दिया। उनके घर पर लोग पहुंचे बधाई देने। वहां जाकर पता चला कि बेबीरानी मौर्य अमेरिका में हैं। फिर भी कुछ लोगों ने जश्न मनाया। मिठाई भी बांटी।
बधाई देने घर पहुंचे लोग बता दें कि 21 अगस्त की शाम को बेबीरानी मौर्य को उत्तराखंड की राज्यपाल बनाए जाने का आदेश जारी हुआ था। उस समय वे अपने पति पूर्व बैंक अधिकारी प्रदीप मौर्य के साथ अमेरिका में थीं। उन्होंने फोन पर अपनी सास को आगरा में शुभ समाचार दिया। उनके घर पर लोग पहुंचे बधाई देने। वहां जाकर पता चला कि बेबीरानी मौर्य अमेरिका में हैं। फिर भी कुछ लोगों ने जश्न मनाया। मिठाई भी बांटी।
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किसी को नहीं लगी भनक बेबीरानी मौर्य को राज्यपाल बनाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता खुश हैं तो अधिकांश के सीने पर मानो सांप लोट गया है। सब एकदूसरे से पूछ रहे हैं कि यह कैसे हो गया? सबको ताज्जुब इस बात पर है बेबीरानी मौर्य को राज्यपाल बनाए जाने की आगरा में किसी नेता को भनक तक नहीं लगी।
किसी को नहीं लगी भनक बेबीरानी मौर्य को राज्यपाल बनाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता खुश हैं तो अधिकांश के सीने पर मानो सांप लोट गया है। सब एकदूसरे से पूछ रहे हैं कि यह कैसे हो गया? सबको ताज्जुब इस बात पर है बेबीरानी मौर्य को राज्यपाल बनाए जाने की आगरा में किसी नेता को भनक तक नहीं लगी।