जमीन के नौ भाग कर तय करें शुभ पद
ज्योतिषार्य डॉ अरविंद मिश्र बताते हैं कि मुख्यद्वार के मामले में दिशा को लेकर संदेह न करें, दिशा चाहे कोई भी हो, बस शुभ पद का खयाल रखना चाहिए। घर का मेन गेट हमेशा शुभ पद में बनवाएं। अब सवाल उठता है कि क्या होता है शुभ पद? इसे ज्ञात करने के लिए जमीन के नौ भाग करें। पहला और दूसरा छोड़कर तीसरे और चौथे हिस्से में गेट लगवाएं। जैसे आपकी जमीन 90 फुट की है तो 10—10 फुट के नौ हिस्से हुए। इसमें पहला और दूसरा हिस्सा छोड़कर तीसरे और चौथे हिस्से में द्वार लगवाएं। दीवार के बीचोंबीच कभी न लगवाएं, यह परिवार के नाश का संकेत है। यदि समस्या आ रही हो तो किसी विशेषज्ञ की राय भी ले सकते हैं।
ज्योतिषार्य डॉ अरविंद मिश्र बताते हैं कि मुख्यद्वार के मामले में दिशा को लेकर संदेह न करें, दिशा चाहे कोई भी हो, बस शुभ पद का खयाल रखना चाहिए। घर का मेन गेट हमेशा शुभ पद में बनवाएं। अब सवाल उठता है कि क्या होता है शुभ पद? इसे ज्ञात करने के लिए जमीन के नौ भाग करें। पहला और दूसरा छोड़कर तीसरे और चौथे हिस्से में गेट लगवाएं। जैसे आपकी जमीन 90 फुट की है तो 10—10 फुट के नौ हिस्से हुए। इसमें पहला और दूसरा हिस्सा छोड़कर तीसरे और चौथे हिस्से में द्वार लगवाएं। दीवार के बीचोंबीच कभी न लगवाएं, यह परिवार के नाश का संकेत है। यदि समस्या आ रही हो तो किसी विशेषज्ञ की राय भी ले सकते हैं।
मध्यम आकार का हो
मेन गेट न तो ज्यादा बड़ा होना चाहिए और न ही छोटा। मध्यम आकार का होना चाहिए। इसके बीच में 1:2 का अनुपात होना चाहिए। जैसे यदि चौड़ाई चार फुट है तो लंबाई 8 फुट हो। लेकिन इसका आकार घर के अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए और आकर्षक होना चाहिए। उसके आसपास गमले आदि रखकर सजा सकते हैंं। इसके आसपास कूड़ा करकट, जूते चप्पल आदि न रखें। नियमित सफाई करें। घंटी मधुर होनी चाहिए और परिवार के मुखिया की यदि नेम प्लेट है तो उसे भी साफ होना चाहिए।
मेन गेट न तो ज्यादा बड़ा होना चाहिए और न ही छोटा। मध्यम आकार का होना चाहिए। इसके बीच में 1:2 का अनुपात होना चाहिए। जैसे यदि चौड़ाई चार फुट है तो लंबाई 8 फुट हो। लेकिन इसका आकार घर के अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए और आकर्षक होना चाहिए। उसके आसपास गमले आदि रखकर सजा सकते हैंं। इसके आसपास कूड़ा करकट, जूते चप्पल आदि न रखें। नियमित सफाई करें। घंटी मधुर होनी चाहिए और परिवार के मुखिया की यदि नेम प्लेट है तो उसे भी साफ होना चाहिए।
दिशाओं के मुताबिक रंग
मेनगेट वैसे तो लकड़ी का सर्वोत्तम होता है लेकिन आजकल इसका प्रयोग कम हो गया है इसलिए लोहे, मैटल आदि का लगवा सकते हैं, लेकिन इसका रंग दिशाओं के अनुरूप रखें। यदि गेट पूर्व दिशा में है तो महरून या पीला, पश्चिम में हल्का नीला या ग्रे, उत्तर में आसमानी या हरा और दक्षिण में लाल या गुलाबी शुभ है। काले रंग का प्रयोग न करें।
मेनगेट वैसे तो लकड़ी का सर्वोत्तम होता है लेकिन आजकल इसका प्रयोग कम हो गया है इसलिए लोहे, मैटल आदि का लगवा सकते हैं, लेकिन इसका रंग दिशाओं के अनुरूप रखें। यदि गेट पूर्व दिशा में है तो महरून या पीला, पश्चिम में हल्का नीला या ग्रे, उत्तर में आसमानी या हरा और दक्षिण में लाल या गुलाबी शुभ है। काले रंग का प्रयोग न करें।
गेट के सामने न हो पेड़
मेनगेट के सामने कोई बड़ा वृक्ष, खंभा, तिकोनी सड़क और मंदिर आदि नहीं होने चाहिए। न ही गेट पर नुकीली रॉड लगवानी चाहिए, नुकीली रॉड लगवाने से पड़ोसियों से संबंध खराब होते हैं। गेट हमेशा अंदर की ओर खुलना अच्छा रहता है।
मेनगेट के सामने कोई बड़ा वृक्ष, खंभा, तिकोनी सड़क और मंदिर आदि नहीं होने चाहिए। न ही गेट पर नुकीली रॉड लगवानी चाहिए, नुकीली रॉड लगवाने से पड़ोसियों से संबंध खराब होते हैं। गेट हमेशा अंदर की ओर खुलना अच्छा रहता है।