15 साल से पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण गांव महुअर निवासी मुरारीलाल शर्मा ने बताया है कि हमारा गांव 15 साल से पानी की समस्या से जूझ रहा है। जिसके कारण हमे भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। ऐसी गर्मी में गांव में पानी न होने की वजह से ग्रामीण काफी परेशान है। एक करोड की लागत से गांव के बाहर महुअर पाली मार्ग पर 2009 में पानी की किल्ल्त दूर करने के लिए बडी टंकी लगी थी। लेकिन वह सिर्फ सफेद हाथी बनकर रह गई।
विकलांग भी लेकर आते है पानी विकलांग सोनसिंह ने बताया है कि गांव मेें पानी की किल्लत कुछ इस तरह है कि ग्रामीण महिलाए तथा बच्चे भी सुबह उठते ही सबसे पहले दो किलो मीटर दूर से अपनी और अपने परिवार की प्यास बुझाने के लिए पानी लाने को मजबूर है। उन्होने कहा है कि सुबह होते ही हम घर से पानी लेने के लिए निकल जाते है। करीब दो घण्टे बाद पानी लेकर गांव में आते है। तब जाकर हमारी प्यास बुझती है। सोनसिंह ने कहा है कि क्या हमारी इस समस्या का कोई हल नही ?
पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बनी थी टंकिया ग्रामीणो ने बताया है कि हमारे गांव में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए फतेहपुर सीकरी से पूर्व बसपा विधायक ठा0 सुरजपाल ने गांव में 12 टीटीएसपी टंकिया बनबाई थी। उन्होने बताया कि गांव में 12 टंकिया बनने के बाद में भी पानी की किल्लत दूर नही हुई। सभी टंकिया केवल सफेद हाथी ही बनकर रह गई।
2 लाख रुपए में बनी थी टंकी ग्रामीणो ने बताया है कि एक टीटीएसपी टंकी करीब 2 लाख रुपए में बनकर तैयार हुई थी। गांव में ऐसी 12 टंकिया है। जिनमे से दो तो खडी ही रह गई। उनमे से एक बंूद पानी नही निकला। दस टंकिया 2 महिने भी नही चल सकी। जिससे गांव में पानी किल्लत बनी रही। टंकी खराब होने के बाद में किसी ने भी अभी तक टंकियो की तरफ ध्यान नही दिया है। जिससे गांव में पानी की किल्लत जस की तस बनी हुई है।
कई बार कर चुके है शिकायत ग्रामीणो ने बताया है कि गांव में टीटीएसपी टंकिया खराब पडे होने की शिकायत हम कई बार तहसील दिवस में कर चुके है। लेकिन अभी तक हमारी समस्या का समाधान नही हुआ है। जिसके चलते गांव के ग्रामीण बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे है।