यह भी पढ़ें बारिश का कहर, छोड़ना पड़ा आलीशान घर घर से बाहर नहीं निकल सकते 26 जुलाई, 2018 की सुबह लोग सोकर उठे तो स्वयं को पानी से घिरा हुआ पाया। सुबह साढ़े चार बजे के आसपास सड़कें लबालब थीं। देखते ही देखते पानी घरों में घुसने लगे। टॉयलेट पानी से भर गए। सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हालात इतने खराब हैं कि घर से बाहर नहीं निकल सकते। सड़कों पर पानी है। भय है कि न जाने कौन से गड्ढे में गिरकर जिन्दगी समाप्त हो जाए।
यह भी पढ़ें सच हुई मौसम विभाग की भविष्यवाणी, अलर्ट के बीच जमकर बरसे बदरा हालात बहुत बुरे शास्त्रीपुरम निवासी और आगरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. मुख्तार सिंह, भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष डीसी शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एसपी सिंह, सेवा भारती के प्रमुख वीरेन्द्र वार्ष्णेय, सुनील शर्मा, डीपी सिंघानिया, गौरव वार्ष्णेय, विजय अग्रवाल, शैलेन्द्र शर्मा, भजनलाल, नानकचंद, अजय यादव, आकाश वर्मा, बृजेश मंगल, चंदा सिंघानिया, रजनी सिंह, धनंजय सिंह, जितेन्द्र वर्मा, निर्मल कपिला, पुलकित गुप्ता, रवीन्द्र वर्मा, शिवम श्रीवास्तव, आदित्य गौतम, कैप्टन एससी शर्मा, रवि भारद्वाज, मुन्नालाल राजपूत, राजीव वर्मा, रवीन्द्र सिंह शर्मा, महावीर प्रसाद, साधना वर्मा, सतीश यादव प्रधान, श्रवण कुमार सिंह, राम नारायण राजपूत, जयंती, मनोज शर्मा, एसपी सोनी आदि ने बताया कि हालात बहुत बुरे हो गए हैं। शौच करने के लिए भी तरस रहे हैं।
दो साल पहले भी भरा था पानी इससे पहले 12 जुलाई, 2016 को शास्त्रीपुरम में पानी भरा था। चारों ओर जलभराव था। तब आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा था कि स्थाई समाधान एक साल के अंदर हो जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और रेलवे को नाला निकालने के लिए धनराशि दे दी गई है। दो साल बाद भी समस्या वहीं की वहीं है। साफ है कि आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपना पीछा छुड़ाने के लिए जनता से झूठ बोला।