मोबाइल में एसएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र का हल था
विगत 14 मई को एसटीएफ ने न्यू आगरा क्षेत्र के दयालबाग मार्ग से एक युवक को पकड़ा था। उसके मोबाइल में एसएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र का हल था। एमटीएस नाम से व्हाट्स एप पर ग्रुप बना हुआ था। सुबह सवा नौ बजे उसी ग्रुप पर सॉल्व पेपर डाला गया था। जबकि परीक्षा दोपहर 12 बजे से थी। युवक ने पूछताछ में अपना नाम लोकेंद्र सिंह पता मिरहची, एटा बताया था। उसका पुष्पेंद्र परीक्षा देने आया था। उसका सेंटर बैप्टिस्ट हायर सेकेंडरी स्कूल में पड़ा था। पुलिस ने परीक्षा के बाद पुष्पेंद्र को भी पकड़ा था
विगत 14 मई को एसटीएफ ने न्यू आगरा क्षेत्र के दयालबाग मार्ग से एक युवक को पकड़ा था। उसके मोबाइल में एसएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र का हल था। एमटीएस नाम से व्हाट्स एप पर ग्रुप बना हुआ था। सुबह सवा नौ बजे उसी ग्रुप पर सॉल्व पेपर डाला गया था। जबकि परीक्षा दोपहर 12 बजे से थी। युवक ने पूछताछ में अपना नाम लोकेंद्र सिंह पता मिरहची, एटा बताया था। उसका पुष्पेंद्र परीक्षा देने आया था। उसका सेंटर बैप्टिस्ट हायर सेकेंडरी स्कूल में पड़ा था। पुलिस ने परीक्षा के बाद पुष्पेंद्र को भी पकड़ा था
पुलिस को बताई पूरी कहानी
हाथरस के मुकेश से जब पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने पूरी कहानी बताई। बताया कि पेपर का सौदा पांच लाख रुपये में पेपर में तय हुआ था। इंस्पेक्टर थाना न्यू आगरा नरेंद्र सिंह ने बताया कि कैलोरा, हाथरस निवासी मुकेश को पकड़ा गया है। मुकेश ने पूछताछ में बताया कि वह रेल कर्मचारी है। आगरा कैंट पर खंड नियंत्रक के पद पर तैनात है। लोकेंद्र उसका सहयोगी है। आरोपी ने अभी तक ये नहीं बताया है कि पेपर किसकी मदद से आउट हुआ था और किसने उसे साल्व किया था। एसटीएफ आगरा यूनिट सीओ श्यामकांत के नेतृत्व में इस गिरोह के अन्य सदस्यों की घेराबंदी में जुटी हुई है। मुकेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसे सिर्फ कमीशन मिलता है। उसे परीक्षार्थियों को घेरना था। उसकी पहचान अडींग, मथुरा निवासी निरंजन से हुई थी। निरंजन ने उसे बाराबंकी के उत्तम मिश्रा से कराई थी। गैंग का सरगना बाराबंकी का उत्तम मिश्रा है।
हाथरस के मुकेश से जब पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने पूरी कहानी बताई। बताया कि पेपर का सौदा पांच लाख रुपये में पेपर में तय हुआ था। इंस्पेक्टर थाना न्यू आगरा नरेंद्र सिंह ने बताया कि कैलोरा, हाथरस निवासी मुकेश को पकड़ा गया है। मुकेश ने पूछताछ में बताया कि वह रेल कर्मचारी है। आगरा कैंट पर खंड नियंत्रक के पद पर तैनात है। लोकेंद्र उसका सहयोगी है। आरोपी ने अभी तक ये नहीं बताया है कि पेपर किसकी मदद से आउट हुआ था और किसने उसे साल्व किया था। एसटीएफ आगरा यूनिट सीओ श्यामकांत के नेतृत्व में इस गिरोह के अन्य सदस्यों की घेराबंदी में जुटी हुई है। मुकेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसे सिर्फ कमीशन मिलता है। उसे परीक्षार्थियों को घेरना था। उसकी पहचान अडींग, मथुरा निवासी निरंजन से हुई थी। निरंजन ने उसे बाराबंकी के उत्तम मिश्रा से कराई थी। गैंग का सरगना बाराबंकी का उत्तम मिश्रा है।