ये बोले श्रमिक नेता
श्रमिक नेता व समाजसेवी पंडित तुलाराम शर्मा ने बताया कि बाल श्रम से गरीबी नहीं है, बल्कि गरीबी से बाल श्रम है। यदि गरीबी हट जाए, तो बाल श्रम खुद व खुद समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आज श्रमिकों की न्यूनतम आय नहीं है। उसे हर रोज काम नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि पूरा परिवार आजीविका चलाने के लिए कमाई में जुटा हुआ है। और इस आजीविका को चलाने की जंग में बच्चे भी शामिल हो जाते हैं।
श्रमिक नेता व समाजसेवी पंडित तुलाराम शर्मा ने बताया कि बाल श्रम से गरीबी नहीं है, बल्कि गरीबी से बाल श्रम है। यदि गरीबी हट जाए, तो बाल श्रम खुद व खुद समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आज श्रमिकों की न्यूनतम आय नहीं है। उसे हर रोज काम नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि पूरा परिवार आजीविका चलाने के लिए कमाई में जुटा हुआ है। और इस आजीविका को चलाने की जंग में बच्चे भी शामिल हो जाते हैं।
ये है मांग
तुलाराम शर्मा ने बताया कि लम्बे समय से सरकार से मांग की जा रही है कि श्रमिकों की न्यूनतम आय निर्धारित की जाए। बजट 2019 में सरकार ने श्रमिकों के लिए पेंशन की तो घोषणा कर दी, लेकिन न्यूनतम आय को लेकर कोई घोषणा नहीं की, जबकि उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन की मांग है कि श्रमिक की न्यूनतम मासिक आय 18 हजार रुपये तय की जाए, जिससे श्रमिक अपने परिवार का पालन पोषण सही प्रकार से कर सके।
तुलाराम शर्मा ने बताया कि लम्बे समय से सरकार से मांग की जा रही है कि श्रमिकों की न्यूनतम आय निर्धारित की जाए। बजट 2019 में सरकार ने श्रमिकों के लिए पेंशन की तो घोषणा कर दी, लेकिन न्यूनतम आय को लेकर कोई घोषणा नहीं की, जबकि उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन की मांग है कि श्रमिक की न्यूनतम मासिक आय 18 हजार रुपये तय की जाए, जिससे श्रमिक अपने परिवार का पालन पोषण सही प्रकार से कर सके।