घटना सोमवार रात्रि की है सुंदर सिंह पुत्र गया प्रसाद ने सबसे पहले आवाज सुनी थी। वे कुछ लोगों को लेकर गांव के बाहर खेतों में आए। टॉर्च की रोशनी डाली। देखा कि एक जानवर गुफा में बिलबिला रहा था। ऐसा लगा कि दर्द से कराह रहा है। जानवर की बनावट बाघ जैसी थी। किसी ने कहा, नहीं यह तो शेर का शावक है। लोग दहशत में आ गए। तरह-तरह की बातें होने लगीं।
किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस आ गई। लोगों को हिम्मत भी आ गई। पास जाकर देखा तो यही लगा कि बाघ का बच्चा है। मयंक त्यागी ने बताया कि वाइल्ड लाइफ एसओएस को फोन किया गया। वहां से एक टीम आई। टीम को भी लगा कि यह शेर प्रजाति का हो सकता है। पकड़ने के सारे इंतजाम कर लिए गए। जब उसे घेरकर पिंजरे में लाया गया तो पता चला कि यह तो लकड़बग्घा है। उसके चोट लगी थी या बीमार था। इस कारण चिल्ला रहा था और तड़प रहा था। वाइल्ड लाइफ एसओएस टीम ने कहा कि इसका इलाज किया जाएगा। स्वस्थ हो जाने के बाद जंगल में छोड़ दिया जाएगा। लकड़बग्घा के पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। इसके साथ ही भूत, शेर, बाघ की दहशत दूर हो गई।