दरअसल, फतेहपुर सीकरी की रहने वाली 25 वर्षीय गर्भवती महिला शनिवार को दवा लेने आगरा के लेडी लॉयल हॉस्पिटल पहुंची थी। महिला ने बताया कि डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड से पहले शौचालय में टॉयलेट करके आने को कहा था। जब वह वापस आई तो उसे एक केबिन में बंद कर दिया गया। इस दौरान डॉक्टर ने अंडर गारमेंट्स उतारने के लिए कहा और उसके हाथ में कंडोम भी था। इस पर उसने अल्ट्रासाउंड कराने से इनकार कर दिया तो गुस्से में डॉक्टर ने उसका पर्चा फेंकते हुए कहा कि जब अल्ट्रासाउंड नहीं कराना था तो यहां क्यों आई। उसने आपबीती परिजनों को बताई तो हंगामा शुरू हो गया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया। इस मामले में महिला ने थाने में तहरीर दी है। पुलिस जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रही है।
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मौलवियों ने मना किया तो शपथ पत्र पढ़कर युवक-युवती ने खुद कर लिया निकाह डॉक्टर ने दी ये सफाई आरोपी डॉक्टर का कहना है कि महिला पेशाब नहीं रोक पा रही थी। जबकि पेशाब की थैली भरने के बाद ही बच्चेदानी स्पष्ट नजर आती है। वह कम दिनों की गर्भवती थी, इसलिए अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा था। इसलिए दूसरे तरीके से अल्ट्रासाउंड करना था हैं। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड स्कैनर पर कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे महिला को गलतफहमी हो गई।
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उम्रकैद काट कर रहे कैदी पर लगा चोरी का आरोप, ऐसी है UP Police की कहानी तीन चिकित्सकों को जांच सौंपी वहीं, प्रमुख अधीक्षक डॉ. पंकज कुमार का कहना है कि यह अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया है। महिला को कुछ गलतफहमी हुई है। फिर भी पुलिस जांच कर रही है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ज्योत्सना भाटिया, डॉ. आरके मिश्रा और एनेस्थीसिया डॉ. बीपी सिंह को जांच सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड के दौरान कक्ष में महिला स्टाफ रहता है। लेकिन, वह मौके पर नहीं थी। महिला स्टाफ क्यों नहीं था। इसकी भी जांच की जाएगी।