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उन्नाव गैंगरेप: विधायक कुलदीप सेंगर को लेकर महिलाएं बोलीं, इसे फांसी पर लटका दो…

locationआगराPublished: Apr 13, 2018 04:31:19 pm

Submitted by:

suchita mishra

उन्नाव गैंगरेप मामले के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को लेकर महिलाओं का फूटा गुस्सा।

kuldeep

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आगरा। उन्नाव गैंगरेप मामले में महिलाओं में खासी नाराजगी है। हाल ही सीबीआई ने जब आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को हिरासत में लिया तो आगरा की महिलाओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और यहां तक कह डाला कि ऐसे शख्स को फांसी पर लटका देना चाहिए। आपको बता दें कि भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को 13 अप्रैल को सुबह पांच बजे इंदिरानगर के उनके पुश्तैनी घर से सीबीआई ने सुबह करीब पांच बजे हिरासत में लिया है।
इस मामले में सोशल वर्कर सारिका मिश्रा ने कहा कि ऐसी घटनाएं महिलाओं को बार बार ये अहसास दिलाती हैं कि वे आज भी अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्नाव मामले में युवती को शारीरिक और मानसिक यातना देने बाद उसके पिता को इतनी यातनाएं दी गईं कि उसके सिर से पिता का साया भी छिन गया। ऐसी स्थिति में भी आरोपी को सजा न मिलना क्रूरता है। ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।
वहीं इस बारे में आवंतिका गोयल कहती हैं कि एक लड़की होने के नाते मैं उस पीड़िता की तकलीफ को किसी हद तक समझ सकती हूं। रेप जैसी वारदातें एक महिला को अंदर से तोड़ देती हैं। उसे मानसिक आघात पहुंचाती हैं, जो जीवन भर उनके साथ चलता है। ऐसी वारदातों की भरपाई सरकार के मुआवजे से नहीं की जा सकती। उसे इंसाफ मिलना जरूरी होता है। ऐसे लोगों को फांसी पर लटका देना चाहिए।
हरीश नगर की देविका सक्सेना कहती हैं कि रेप जैसे मामलों में जब कोई पावरफुल व्यक्ति आरोपी हो, तो एक सामान्य महिला के लिए इंसाफ की लड़ाई काफी मुश्किल हो जाती हैं। उन्नाव मामले में भी युवती को काफी कुछ खोकर भी इंसाफ के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, इसका बड़ा कारण है कि आरोपी भाजपा विधायक और उसके गुर्गे हैं। ऐसे में सीबीआई द्वारा आरोपी के पकड़ में आने के बाद पीड़िता को थोड़ी तसल्ली जरूर पहुंची होगी। इन मामलों में आरोपियों के साथ किसी तरह की हिदायत नहीं बरतनी चाहिए।
ये है मामला
17 वर्षीय लड़की ने पिछले साल जून में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों पर बलात्कार का आरोप लगाया था। लेकिन मामला सामने आने के बाद लड़की अचानक गायब हो गई जिसके बाद परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के नौ दिन बाद लड़की औरेया जिले के एक गांव में मिली जिसके बाद उसे उन्नाव लाया गया।
लेकिन पुलिस में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद उन्नाव छोड़कर पीड़िता और उसका परिवार दिल्ली आ गया लेकिन वह अपनी शिकायतें मुख्यमंत्री से लेकर राज्य के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को भेजती रही, ताकि वह भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर और उसके भाई अतुल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करा सके। लेकिन कोई इंसाफ नहीं मिला। पांच अप्रैल को उसके पिता को को जेल भेज दिया गया। पीड़िता के पिता ने विधायक के भाई पर मारपीट करने और फंसाने का आरोप लगाया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हारकर आठ अप्रैल को पीड़िता मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने पहुंच गई। तब ये मामला सबके सामने उजागर हुआ। नौ अप्रैल को पुलिस कस्टडी में लड़की के पिता की मौत हो गई।
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