57 इंच की घड़ी का तोड़ा रिकॉर्ड
दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट का छात्र सम्पन्न सक्सेना इन दिनों 67 इंच की घड़ी बनाकर सुर्खियों में है। बकौल सम्पन्न सक्सेना यह दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी है, इससे पहले 57 इंच की घड़ी अभी तक बनाई गई है, जो लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुकी है। इस घड़ी को बनाने के बाद सम्पन्न का कहना है कि उनके पिता ने 57 इंच की घड़ी को बनवाया था, जिसका रिकॉर्ड उन्होंने ब्रेक किया है। अब वह लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में नाम दर्ज करवाएंगे।
दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट का छात्र सम्पन्न सक्सेना इन दिनों 67 इंच की घड़ी बनाकर सुर्खियों में है। बकौल सम्पन्न सक्सेना यह दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी है, इससे पहले 57 इंच की घड़ी अभी तक बनाई गई है, जो लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुकी है। इस घड़ी को बनाने के बाद सम्पन्न का कहना है कि उनके पिता ने 57 इंच की घड़ी को बनवाया था, जिसका रिकॉर्ड उन्होंने ब्रेक किया है। अब वह लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में नाम दर्ज करवाएंगे।
पिता से मिली प्रेरणा
सम्पन्न मूल रूप से फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद के रहने वाले हैं। घड़ी बनाने की प्रेरणा उन्होंने अपने पिता से ली है। सम्पन्न के पिता ने खुद 54 इंच की घड़ी बनाकर एक वक्त रिकॉर्ड कायम किया था। सम्पन्न को ये घड़ी बनाने में 45 दिन का समय लगा था। ट्राइकलर में नज़र आ रही दीवार घड़ी देखते ही बनती है। इस घड़ी की खासियत यह है कि इसे 15 मिनट में कहीं भी फोल्ड कर कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
सम्पन्न मूल रूप से फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद के रहने वाले हैं। घड़ी बनाने की प्रेरणा उन्होंने अपने पिता से ली है। सम्पन्न के पिता ने खुद 54 इंच की घड़ी बनाकर एक वक्त रिकॉर्ड कायम किया था। सम्पन्न को ये घड़ी बनाने में 45 दिन का समय लगा था। ट्राइकलर में नज़र आ रही दीवार घड़ी देखते ही बनती है। इस घड़ी की खासियत यह है कि इसे 15 मिनट में कहीं भी फोल्ड कर कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।