क्रोनिक रोगों का भी इलाज
डॉ. अंकुर प्रकाश ने बताया कि होम्योपैथी से क्रोनिक रोगों का भी इलाज किया जा सकता है। यह बहुत ही सुरक्षित पद्धति है। सांस की बीमारी, पेट, त्वचा और मानसिक विकार जैसी पुरानी बीमारियों में प्राकृतिक समाधान प्रदान करती है। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति दुनिया के 100 से अधिक देशों में अपनाई जा रही है। भारत, होम्योपैथी के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी देश है। कई महामारियों का उपचार होम्योपैथी से संभव है, लेकिन अभी तक इसका पर्याप्त इस्तेमाल नहीं हो सका है।
रोग को जड़ से समाप्त करती है होम्योपैथी
डॉ. अंकुर प्रकाश ने बताया कि आज भी यह सोच पनप नहीं पायी है कि अगर किसी एक चिकित्सा पद्धति से इलाज संभव नहीं है, तो डॉक्टर दूसरी पद्धति से इलाज कराने की सलाह मरीज को दे सकें, जबकि इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट को अपना लिया जाये तो मरीजों का बहुत भला हो सकता है। जैसे इमरजेंसी में एलोपैथी में ग्लूकोज, इन्जेक्शन से मरीज को बहुत जल्दी और अधिक आराम पहुंचाया जा सकता है, उसके बाद रोग को जड़ से खत्म करने के लिए होम्योपैथी का प्रयोग हो सकता है।
होम्योपैथी की कुछ खास बातें
होम्योपैथिक दवा की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती, यदि इन दवाइयों को धूप, धूल, धुंआ, तेज गंध व केमिकल्स से बचाकर रखा जाये तो यह दवा वर्षों तक चलती रहेंगी। इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, इन दवाओं से कोई विशेष परहेज नहीं होता।
होम्योपैथिक दवा की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती, यदि इन दवाइयों को धूप, धूल, धुंआ, तेज गंध व केमिकल्स से बचाकर रखा जाये तो यह दवा वर्षों तक चलती रहेंगी। इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, इन दवाओं से कोई विशेष परहेज नहीं होता।