scriptWorld tourism day 2017 पर्यटन क्षेत्र के लोगों को नौ-नौ आंसू रुला रहा GST | World tourism day 2017 tourism industry taj mahal after GST | Patrika News

World tourism day 2017 पर्यटन क्षेत्र के लोगों को नौ-नौ आंसू रुला रहा GST

locationआगराPublished: Sep 27, 2017 03:21:35 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

आगरा टूरिज्म वेलफेयर चैम्बर के अध्यक्ष और एम्पोरियम स्वामी प्रह्लाद अग्रवाल से बात की तो पता चला कि जीएसटी ने पर्यटन में बड़ा डेन्ट मारा है।

ताजमहल

ताजमहल

आगरा। 27 सितम्बर यानी विश्व पर्यटन दिवस। पर्यटकों के स्वागत का दिन। पर्यटकों को आकर्षित करने का दिन। साथ ही यह दिन है पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने दिल टटोलने का। ये अपना दिल टटोलें या नहीं, लेकिन पत्रिका ने जरूर टटोलने का प्रयास किया। यह निष्कर्ष निकलकर आया कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) होटल और एम्पोरियम वालों को नौ-नौ आंसू रुला रहा है।
बड़ा डेन्ट मारा है

आगरा टूरिज्म वेलफेयर चैम्बर के अध्यक्ष और एम्पोरियम स्वामी प्रह्लाद अग्रवाल से बात की तो पता चला कि जीएसटी ने पर्यटन में बड़ा डेन्ट मारा है। पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है और साथ ही व्यवसाय प्रभावित हुआ है। वे बताते हैं कि पर्यटकों का रात्रि प्रवास गिरकर 30 प्रतिशत रह गया है। होटलों के खर्चे निकालना मुश्किल हो गया है। होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा बताते हैं कि समस्या विकट है। बड़े होटलों की छोड़िए, कम बजट वाले होटलों के सामने भी संकट है।
समस्या हो सकती है विकराल

आगरा टूरिज्म डवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अऱोड़ा का साफ कहना है कि पर्यटन क्षेत्र में जीएसटी का खतरनाक प्रभाव हुआ है। अब पर्यटक रात्रि में रुकना नहीं चाहता है। टूरिज्म गिल्ड के सचिव राजीव सक्सेना काफी गुस्से में हैं। वे कहते हैं कि सरकार के आदेशों का अनुपालन हमें करना है, लेकिन हकीकत ये है कि पर्यटन पर जीएसटी का विपरीत प्रभाव है। पर्यटकों का रात्रि प्रवास बढ़ाने के लिए हमें कुछ खास करना होगा। पर्यटन व्यवसायी राजीव तिवारी भी पर्यटन पर जीएसटी के कुप्रभाव की बात कहते हैं। उनका कहना है कि जल्दी ही बड़े कदम न उठाए गए तो समस्या विकराल हो सकता है।
क्या होना चाहिए

पर्यटक रात्रि में कैसे रुकें, इस बारे में आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष पूरन डावर, सचिव केसी जैन, नेशनल चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष और लोकस्वर संस्था के अध्यक्ष राजीव गुप्ता से बातचीत की। उन्होंने ये सुझाव दिए-
1.ताजमहल, आगरा किला , फतेहपुरसीकरी, एत्माउद्दौला, अकबरा का मकबरा सिकंदरा जैसे स्मारकों को रात्रि में प्रकाशित किया जाए

2. चम्बल सेन्चुरी और सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम झील) के लिए टुअर बनाए जाएं, ताकि पर्यटक रात्रि में रुके।
3.ताज नेचर वॉक को शीघ्र विकसित किया जाए।

4.थीम पार्क जैसे प्रोजेक्ट चालू हों, अखिलेश सरकार ने इस पर काफी काम कर लिया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
5.सदर में रात्रि बाजार (नाइट बाजार) की वर्षों से बात चल रही है, लेकिन मौके पर कुछ भी नहीं है। अगर रात्रि बाजार शुरू हो जाए तो पर्यटक जरूर रुकेगा।

6. ताज महोत्सव का आय़ोजन 10 दिन के लिए होता है। जरूरत इस बात की है कि इसे वर्ष पर्यंत चलाया जाए। प्रत्येक माह की थीम पहले से घोषित हो।
6. आगरा में सूरकुटी, भगवान परशुराम की माता की जन्मस्थली, कैलाश मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, राजेश्वर मंदिर, पृथ्वीनाथ मंदिर, रावली मंदिर, बल्केश्वर मंदिर, बटेश्वर में 101 शिव मंदिरों की श्रृंखला को मिलाकर धार्मिक पर्यटन विकसित किया जा सकता है। मथुरा में आने वाले श्रद्धालु यहां जरूर आएंगे। बटेश्वर में भगवान श्रीकृष्ण के चचेरे भाई का मंदिर है।
7.इंटरनेशनल एय़रपोर्ट, इंटरनेशनल स्टेडियम, विशाल ऑडीटोरियम का निर्माण जरूरी है।

8. बाह के वादियों को भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनाया जा सकता है। बर्ड फेस्टिवल के दौरान दो बार यह प्रयोग हो चुका है। इसे चालू रखा जाना चाहिए।
9. कम चर्चित पर्यटक स्थल जैसे मेहताब बाग, ग्यारह सीढ़ी, मरियम टॉम्ब, चीनी का रोजा, दीवानी जी की बेगम का मकबरा, जोधबाई का मकबरा, जसवंत सिंह की छतरी, हुमायूं मस्जिद, बुढ़िया का ताल, जामा मस्जिद, हिजड़ों की मस्जिद, आगरा दीवार आदि के लिए पर्यटन विभाग कोई परिपथ बनाए, ताकि इनकी स्थिति भी सुधर सके।
ताजमहल से आय

वर्ष 2015-16 में 23.88 करोड़ रुपये

वर्ष 2014-15 में 21.26 रुपये

वर्ष 2013-14 में 21.26 करोड़ रुपये

2010-11 में 19.9 करोड़ रुपये

होटलों की संख्या 400
आगरा में आने वाले पर्यटक

वर्ष भारतीय विदेशी

2017 36,30,039 5,13,273

2016 55,47,839 6,66,260

2015 58,42,287 6,39,338

2014 53,77, 891 6,94,610

2013 50,94,432 7,40,910

(2017 के आंकड़े जनवरी से अगस्त तक के)
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो