विदेशी प्रवासी पक्षी करते अठखेलियां
कीठम झील, चारों ओर हरियाली है, पक्षियों की चहचाहट और विशाल सरोवर है। इस झील को सूर सरोवर पक्षी विहार के नाम से भी जाना जाता है। कीठम झील आगरा से करीब 22 किलोमीटर दूर रुनकता नाम के कस्बा के पास है। झील में विदेशी प्रवासी पक्षी अठखेलियां करते अक्सर नजर आते हैं। स्पूनबिल, साइबेरियन सारस, सरने सारस, ब्राहमनी बत्तख, बार-हेडेड गीसे और गडवॉल्स व शोवेलर्स यहां पाई जानी वाली पक्षियों की कुछ प्रमुख प्रजातियां है।
कीठम झील, चारों ओर हरियाली है, पक्षियों की चहचाहट और विशाल सरोवर है। इस झील को सूर सरोवर पक्षी विहार के नाम से भी जाना जाता है। कीठम झील आगरा से करीब 22 किलोमीटर दूर रुनकता नाम के कस्बा के पास है। झील में विदेशी प्रवासी पक्षी अठखेलियां करते अक्सर नजर आते हैं। स्पूनबिल, साइबेरियन सारस, सरने सारस, ब्राहमनी बत्तख, बार-हेडेड गीसे और गडवॉल्स व शोवेलर्स यहां पाई जानी वाली पक्षियों की कुछ प्रमुख प्रजातियां है।
देख सकते हैं भाूल
झील के किनारे-किनारे कुछ दूर चलने के बाद भालू सरंक्षण गृह है। यहां पर काले भालुओं को एक बड़े से खुले वातावरण में एक बड़े से बाड़े में रखा गया है। बाड़े के चारो तरफ एक ऊंची दीवार और उसके ऊपर कंटीली विद्युत प्रवाह करती लोहे की तार लगी हुई है। यहां पर आने वाले पर्यटकों को वॉच टावर से इस केंद्र में रहने वाले भालुयों को दिखाया जाता है।
झील के किनारे-किनारे कुछ दूर चलने के बाद भालू सरंक्षण गृह है। यहां पर काले भालुओं को एक बड़े से खुले वातावरण में एक बड़े से बाड़े में रखा गया है। बाड़े के चारो तरफ एक ऊंची दीवार और उसके ऊपर कंटीली विद्युत प्रवाह करती लोहे की तार लगी हुई है। यहां पर आने वाले पर्यटकों को वॉच टावर से इस केंद्र में रहने वाले भालुयों को दिखाया जाता है।
चंबल सेंचुरी
वहीं चंबल की बात करें तो इस नदी में दुनिया की सबसे बुद्धिमान जीव कही जाने वाली डॉल्फिन सहित विलुप्ता के कगार पर पहुंची घड़ियालों की प्रजाति का कुनबा मौजूद है। चंबल नदी में घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन आपको मिल जाएगी। वार्षिक गणना में डॉल्फिन की संख्या दस रही। इसके अलावा घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या भी यहां अच्छी खासी है।
वहीं चंबल की बात करें तो इस नदी में दुनिया की सबसे बुद्धिमान जीव कही जाने वाली डॉल्फिन सहित विलुप्ता के कगार पर पहुंची घड़ियालों की प्रजाति का कुनबा मौजूद है। चंबल नदी में घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन आपको मिल जाएगी। वार्षिक गणना में डॉल्फिन की संख्या दस रही। इसके अलावा घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या भी यहां अच्छी खासी है।