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कुक्कुट विकास नीति के तहत कुक्कुट पालक 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट और 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित कर सकते हैं। इस योजनान्तर्गत 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट संचालित करने के लिए मुर्गी पालक को 1.60 करोड़ रुपये की लागत लगानी पड़ेगी, जिसमें लाभार्थी को 54 लाख रुपये और 1.06 करोड़ का नियमानुसार बैंक ऋण पास कराना होगा। वहीं 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित करने के लिए मुर्गी पालक को कुल 70 लाख रुपये लगानी पड़ेगी जिसमें 21 लाख रुपये लाभार्थी को लगाना पड़ेगा और 49 लाख रुपये का बैंक ऋण पास कराना होगा। इस योजना के अन्तर्गत इकाई स्थापित करने हेतु लाभार्थी के पास तीन एकड़ एवं एक एकड़ स्वयं की भूमि होनी चाहिए।
कुक्कुट विकास नीति के तहत कुक्कुट पालक 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट और 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित कर सकते हैं। इस योजनान्तर्गत 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट संचालित करने के लिए मुर्गी पालक को 1.60 करोड़ रुपये की लागत लगानी पड़ेगी, जिसमें लाभार्थी को 54 लाख रुपये और 1.06 करोड़ का नियमानुसार बैंक ऋण पास कराना होगा। वहीं 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित करने के लिए मुर्गी पालक को कुल 70 लाख रुपये लगानी पड़ेगी जिसमें 21 लाख रुपये लाभार्थी को लगाना पड़ेगा और 49 लाख रुपये का बैंक ऋण पास कराना होगा। इस योजना के अन्तर्गत इकाई स्थापित करने हेतु लाभार्थी के पास तीन एकड़ एवं एक एकड़ स्वयं की भूमि होनी चाहिए।
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प्रदेश में कुक्कुट विकास नीति 2018 के तहत कामर्शियल लेयरी फार्मिंग के 30 हजार पक्षी की 298 इकाईयां क्रियाशील हैं और 10 हजार पक्षी की कामर्शियल लेयर फार्मिंग की 268 इकाईयां क्रियाशील हैं। इन इकाइयों से प्रतिदिन 100.58 लाख अतिरिक्त अण्डा का उत्पादन हो रहा है। इसी तरह ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की 10 हजार पक्षी की 23 इकाईयां क्रियाशील हैं, जिनसे 24.60 लाख अतिरिक्त चूजे प्रतिमाह उत्पादित हो रहे हैं। इस योजनान्तर्गत प्रदेश में 78260 लोगों को स्वरोजगार मिला है।
प्रदेश में कुक्कुट विकास नीति 2018 के तहत कामर्शियल लेयरी फार्मिंग के 30 हजार पक्षी की 298 इकाईयां क्रियाशील हैं और 10 हजार पक्षी की कामर्शियल लेयर फार्मिंग की 268 इकाईयां क्रियाशील हैं। इन इकाइयों से प्रतिदिन 100.58 लाख अतिरिक्त अण्डा का उत्पादन हो रहा है। इसी तरह ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की 10 हजार पक्षी की 23 इकाईयां क्रियाशील हैं, जिनसे 24.60 लाख अतिरिक्त चूजे प्रतिमाह उत्पादित हो रहे हैं। इस योजनान्तर्गत प्रदेश में 78260 लोगों को स्वरोजगार मिला है।