इस बारे में अर्जुन रस्तोगी कहते हैं कि अगर आपने किसी से प्यार किया है तो वादा भी करना पड़ेगा और निभाना भी पड़ेगा। वादा शब्द में कोशिश की गुंजाइश नहीं होती, उसे तो हर हाल में निभाया ही जाता है, फिर चाहे उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े। अगर कोई Valentine Week को सेलीब्रेट करता है, तो बाकी दिनों की तरह इस दिन को भी एक गंभीरता से लेना चाहिए और अपने साथी से कोई ऐसा वादा करना चाहिए जिसे वो ताउम्र निभा सके।
वहीं संचिता कहती हैं कि लोगों ने वैलेंटाइन वीक को एक सेलिब्रेशन मात्र बना रखा है। इसलिए फरवरी आते ही गिफ्ट, फूल और वादों का दौर शुरू हो जाता है और इसके खत्म होते ही लोग सब भूल जाते हैं। लेकिन यदि रिश्ता सच्चा हो तो हर सप्ताह वैलेंटाइन वीक की तरह मनाना चाहिए। इससे आपसी रिश्ता और मजबूत होगा।
रिदिमा शर्मा का कहना है वैलेंटाइन डे या वीक कुछ समय से चलन में आ गया है। इससे पहले जब ऐसा कुछ भी नहीं होता था, तब भी वादे होते थे और निभाए भी जाते थे। साथ ही रिश्ते भी मजबूत रहते थे। ऐसे में मेरा मानना है कि इस तरह के आयोजन को आप अपने मनोरंजन के रूप में बेशक सेलिब्रेट कर लें। लेकिन सिर्फ इसके भरोसे अपने रिश्ते को न छोड़ें।
आकाश तनेजा कहते हैं कि कुछ लोग प्रॉमिस डे के दिन महंगे गिफ्ट वगैरह देने का वादा करते हैं, और इस वादे को पूरा करके बहुत खुश हो जाते हैं। लेकिन मेरा मानना है कि महंगे गिफ्ट देने का वादा करना कोई प्यार नहीं है। इस दिन का मकसद आपके रिश्ते को मजबूत करना है। ऐसे में अपने साथी के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना रखने और रिश्ते में हमेशा उसके साथ ईमानदारी बरतने का वादा कीजिए और इस वादे को ताउम्र निभाइए। यकीन मानिए आपके साथी को इसके बाद किसी और चीज की शायद ही जरूरत पड़े।