फर्जी शेयर बेचकर लगाई १.५३ करोड़ की चपत
कंपनी के पांच निदेशकों विरुद्ध टे्रडर ने दर्ज कराई शिकायत,आयकर विभाग ने १९९४ में सीज किए, बावजूद फर्जी शेयर बनाकर २०१३ में बेचे
फर्जी शेयर बेचकर लगाई १.५३ करोड़ की चपत
अहमदाबाद. शेयर बाजार में निवेश करवाकर उन्हें मुनाफा कराने वाले शेयर ट्रेडर्स को ही १.५३ करोड़ की चपत लगने का मामला सामने आया है। पीडि़त शेयर ट्रेडर्स ने एक निजी कंपनी के पांच निदेशकों के विरुद्ध विश्वासघात और ठगी का आरोप लगाया है। आरोप है कि उनकी कंपनी के शेयर को वर्ष १९९४ में ही आयकर विभाग की ओर से सीज कर लिया गया था। इसके बावजूद भी यह बात छिपाते हुए निदेशकों की ओर से शेयर बाजार में फर्जी शेयर बनाकर उन्हें बेचा गया।
बोडकदेव निवासी विट्टूभाई अग्रवाल (37) ने वस्त्रापुर थाने में धनतेरस को गांधीनगर सेक्टर-20 में स्थित रेनी इंडस्ट्रीज लि. कंपनी के निदेशकों उमाकांत त्रिकमलाल राठौड़, राजकुमार उमाकांत राठौड़, घनश्याम उमाकांत राठौड़, विष्णु समतभाई चौधरी. सुरेश बलदेव पटेल पर ठगी और विश्वासघात का आरोप लगाया है।
आरोप है कि उनकी कंपनी के शेयर को आयकर विभाग की ओर से वर्ष १९९४ में सीज कर लिया था। इसके बावजूद भी फर्जी शेयर बनाकर उन्हें बाजार में बेचा। उनकी ओर से वर्ष २०१३ में कंपनी के १५३०० शेयर खरीदे थे। कंपनी की बैलेंस सीट के अनुसार इतने शेयर की कीमत एक करोड़ ५३ लाख रुपए होती है।
उनके साथ हुई ठगी का पता उन्हें तब चला जब उन्होंने इन शेयरों को डीमेंट कराने के लिए प्रक्रिया की। उन्हें पता चला कि १५,३०० शेयर में से सिर्फ २,७०० शेयर ही डीमेट हो सकते हैं, क्योंकि शेष ज्यादातर कंपनी के शेयर को आयकर विभाग ने सीज किया हुआ है। उन्हें डीमेट नहीं किया जा सकता है। इस बारे में कंपनी के निदेशकों को पत्र लिखने के बावजूद भी आरोप है कि उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वकील के जरिए भेजे गए नोटिस का भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इस बारे में कंपनी के निदेशकों को पत्र लिखने के बावजूद भी आरोप है कि उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वकील के जरिए भेजे गए नोटिस का भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया।