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धार्मिक का जूनागढ़ में धड़केगा दिल और आंध्रप्रदेश में सांस भरेंगे फेफड़े

locationअहमदाबादPublished: Oct 31, 2021 09:52:32 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

अंगदान को लेकर बढ़ रही है जागरुकता
दसवीं का छात्र ब्रेन डेड के बाद दोनों हाथ समेत कई अंगों का दान

धार्मिक का जूनागढ़ में धड़केगा दिल और आंध्रप्रदेश में सांस भरेंगे फेफड़े

धार्मिक का जूनागढ़ में धड़केगा दिल और आंध्रप्रदेश में सांस भरेंगे फेफड़े

अहमदाबाद. 10वीं में पढऩे वाले 14 वर्षीय धार्मिक के भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उसकी वजह से कई लोगों को जिन्दगी मिल गई है। उसके दोनों हाथों समेत कई अंगों का दान किया गया है। इस किशोर का हृदय जूनागढ़ के 11वीं के छात्र में धड़कने लगा है वहीं फेफड़े आंध्रप्रदेश के 44 वर्षीय जरूरतमंद में प्रत्यारोपित किए किए। इसके अलावा लीवर और दोनों हाथों का भी दान किया गया है। देश में संभवत: यह पहली बार है जब इतनी आयु में दोनों हाथ भी दान में दे दिए गए। यह बालक पिछले पांच वर्ष से किडनी रोग से जूझ रहा था।
सूरत के कतारगाम निवासी और दसवीं कक्षा में पढऩे वाले 14 वर्षीय धार्मिक का गत गत बुधवार को रक्तचाप अनियमित होने के बाद उसे स्थानीय किरण अस्पताल में ले जाया गया। जांच में ब्रेन हेमरेज की पुष्टि हुई। न्यूरो फिजिशियन डॉ. हिना फलदू और न्यूरो सर्जन डॉ. भौमिक ठाकोर के काफी प्रयास के बावजूद इस बालक को आराम नहीं मिला। अन्तत: चिकित्सकों ने अन्य जांच करने के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। उस दौरान डॉनेट लाइफ संस्था की टीम ने धार्मिक के अभिभावकों को अंगदान की प्रक्रिया और महत्व बताया। जिसे स्वीकार कर धार्मिक के अंगों का दान किया गया। जिससे धार्मिक के लीवर, हृदय, फेफड़े, आंत एवं दो हाथों का दान किया गया। धार्मिक के हाथों का दान देश में यह उन्नीसवीं घटना है। जबकि 14 वर्ष की आयु में पहली घटना है। धार्मिक के अंगों को मुंबई, चेन्नई एवं अहमदाबाद के अस्पतालों में समय रहते पहुंचाया गया। ऐसे में एक ही दिन में सूरत में तीन कॉरिडोर भी बनाए गए जो संभवत: पहली बार है।
इन जरूरतमंदों को मिले अंग
धार्मिक का हृदय अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल में जूनागढ़ निवासी 15 वर्षीय 11वीं के विद्यार्थी में प्रत्यारोपित किया गया। जबकि लीवर का ट्रान्सप्लान्ट अहमदाबाद के जायडस हॉस्पिटल में पाटण निवासी 35 वर्षीय जरूरतमंद में किया गया। इसके अलावा दोनों फेफड़ों का ट्रान्सप्लान्ट चेन्नई में 44 वर्षीय आन्ध्रप्रदेश निवासी एक मरीज में किए गए। इसके अलावा हाथों का ट्रान्सप्लान्ट मुंबई के एक अस्पताल में पुणे के एक व्यक्ति को किए गए, जिसके हाथ दुर्घटना में कट गए थे। आंतों का दान इसलिए नहीं हो सका था कि धार्मिक के ब्लड ग्रुप का कोई व्यक्ति नहीं था।
किडनी रोग से पीडि़त थे धार्मिक
धार्मिक के पिता अजयभाई एवं माता ललिताबेन के अनुसार उनके बेटे को पिछले पांच वर्ष से किडनी संबंधित बीमारी थी। पिछले एक वर्ष से धार्मिक को डायलिसिस किया जा रहा था।चिकित्सकों ने उसका किडनी ट्रान्सप्लान्ट का निर्णय किया था। जिससे प्रक्रिया जारी थी। इस बीच रक्तचाप में आई अनियमितता से उन्होंने अपने पुत्र को खोना पड़ा। डॉनेट लाइफ के संस्थापक निलेश मांडलेवाला एवं उनकी टीम ने अंग दान का महत्व समझाया जिससे उनके पुत्र की वजह से कई लोगों को नया जीवन मिल सकेगा।
सूरत के 14 वर्ष के ब्रेन डेड किशोर से जूनागढ़ के एक किशोर को नया जीवन मिल गया है। सफल ट्रान्सप्लान्ट होने की वजह से जूनागढ़ के किशोर की हालत में सुधार है। सिम्स अस्पताल में यह 18वां हृदय का ट्रान्सप्लान्ट है।
डॉ. धीरेन शाह, हृदय ट्रान्सप्लान्ट सर्जन, सिम्स अस्पताल

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